गैजेट डेस्क. दिनभर स्मार्टफोन काम में लेने के दौरान हम सैकड़ों बार उसकी स्क्रीन को टच करते हैं जिसके कारण उसमें खराबी आती रहती है। हालांकि ऐसा हमेशा हार्डवेयर फेल होने से नहीं होता, बल्कि इसके और भी कई कारण हो सकते हैं। अगर आपके एंड्रॉइड फोन में भी इस तरह की कोई खराबी आ रही है तो प्रोफेशनल हेल्प लेने से पहले आप इन उपायों को आजमा सकते हैं-
बग की पुष्टि
इसके लिए टच पर आधारित ये तीन परीक्षण कर सकते हैं- फोन को रीबूट, सेफ मोड में बूट और डिस्प्ले डायग्नोज करना। प्ले स्टोर पर उपलब्ध कई रेंज के एप्स में एक है डिस्प्ले टेस्टर (जो निशुल्क उपलब्ध है)। यह डेड पिक्सल्स, ओलेड स्क्रीन्स पर बर्न-इन, कंट्रास्ट व सैचुरेशन की एक्युरेसी, मल्टी-टच स्टेटस आदि को डिटेक्ट करता है।
स्क्रीन प्रोटेक्टर को रिमूव करना
कई यूजर्स अपने फोन को पानी, लिक्विड या स्क्रैचेज से बचाने के लिए प्लास्टिक या ग्लास का स्क्रीन प्रोटेक्टर उपयोग करते हैं, इसलिए स्क्रीन प्रोटेक्टर को हटाकर देखें कि रेस्पॉस रेट बढ़ता है या नहीं।
वॉइस या फेस मूवमेन्ट्स से कंट्रोल
टच इनपुट्स पर निर्भरता के बजाए एंड्रॉइड के इंटरेक्शन मैथड्स, यूजर्स को बेहतर समाधान देते हैं। सही ढंग के एप्स से आप फोन पर पूरी तरह अपनी वॉइस और फेस के मूवमेंट्स के जरिए नेविगेट कर सकते हैं। इसमें वॉइस एक्सेस और इवा फेसियल माउस एप्स उपयोगी हैं।
स्क्रीन लेटेंसी सुधारना
इसके लिए आप टचस्क्रीन रिपेयर (प्रीमियम वर्जन भी उपलब्ध) जैसे थर्ड-पार्टी एप्स को भी काम में ले सकते हैं। यह आपकी स्क्रीन की जांच (कैलिब्रेट) करके रेस्पॉन्स टाइम को घटा सकता है। फिर फोन के इंटरनल्स के आधार पर स्क्रीन की कम सक्रियता या लेटेंसी को कृत्रिम रूप से ड्रॉप कर देते हैं। रिपेयरिंग का असर मेकर्स पर अलग-अलग निर्भर करता है।
एक्सटर्नल कीबोर्ड व माउस पेयरिंग
इस ट्रिक को तब आजमाएं जब आप स्क्रीन प्रॉब्लम के कारण कोई भी एप इंस्टॉल नहीं कर पा रहे हों। एंड्रॉइड फोन को एक्सटर्नल कीबोर्ड व माउस के साथ कंट्रोल करना ज्यादातर स्ट्रेटफॉरवर्ड होता है। इसके लिए सही केबल का चयन और एसेसरीज को प्लग इन करें।
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