मुंबई(अमित कुमार निरंजन). आईआईटी बॉम्बे की लैब में एडवांस स्टेथोस्कोप तैयार किया गया है। यह ब्लूटूथ और इंटरनेट की तकनीक से लैस है। इसके जरिए दिल की धड़कन की रीडिंग को ईमेल या वॉट्सएप की मदद से डॉक्टर तक भेजा जा सकता है। इतना ही नहीं दूर-दराज गांव से कोई नर्स या डॉक्टर मरीज की धड़कन अपने विशेषज्ञ को भेजकर राय ले सकते हैं।
यह स्टेथोस्कोपगांव के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में बीमारियों की स्क्रीनिंग और बच्चों के दिल में छेद का पता लगाने में भीमदद करेगा। यह आम स्टेथोस्कोप से करीब 35 गुना बेहतर तरीके से धड़कन को सुनता है। इसे ‘आयु सिंक’ नाम दिया गया है। इसका नया वर्जन बनाने वाली टीम के सदस्य तपस पांडे ने बताया कि ‘आयु सिंक’ की मदद से धड़कन को ‘आयु शेयर’ एप के जरिए रिकॉर्ड किया जाता है।
मरीज की स्क्रीनिंग कर गाइड कर सकते हैं
एडवांस स्टेथोस्कोपसे अन्य शहर में बैठे डॉक्टर धड़कन की आवाज को सुनकर मरीज की स्क्रीनिंग कर गांव में बैठे स्टाफ को गाइड कर सकते हैं। ऐप से ध्वनि का फोनो कार्डियो-ग्राफ भी बनाया जा सकता है, जो दिल की धड़कन की गति समझने में मदद करता है।
डिवाइस 18 घंटे काम करेगी, इसकी कीमत 14 हजार रुपए
तपस ने बताया कि इस डिवाइस ने ईएमआईईएमसी से टेस्ट सफलतापूर्वक पास कर लिया गया है। स्मार्ट ‘आयु’ सिंक में बैटरी लगानी पड़ती है, जो एक बार में 18 घंटे तक काम करती है। इसकी कीमत 14 हजार रुपए है। एडवांस तकनीक वाले 100 स्टेथोस्कोप महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग तीन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हेल्थ प्राइमरी सेंटर के लिए खरीदेगा। इसका ऑर्डर 18 अक्टूबर को दिया गया। दो-तीन माह में इन्हें महाराष्ट्र सरकार को सौंप दिया जाएगा।