गैजेट डेस्क.फेसबुक ने आतंकी संगठनों से जुड़े कंटेंट पर सख्ती दिखाते हुए बीते दो साल में करीब 2.60 करोड़ से ज्यादा पोस्ट हटाए। इसमें से ज्यादातर कंटेंट आईएसआईएस और अलकायदा से जुड़ा हुआ था। फेसबुक ने मंगलवार को कहा, “हमने बड़े स्तर पर आंतकीसंगठनों के ग्रुप की पहचान की है। फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म परउनकी विचारधारा को अनुमति नहीं देती है। कंपनी ने हिंसक गतिविधियों में लिप्त 200 से ज्यादा संगठनों को बैन कर दिया है।”
कंपनी ने कहा कि हमने इस कार्रवाई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ह्यूमन एक्सपरटाइज दोनों का इस्तेमाल किया। कुछ बदलाव न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हुए आतंकी हमले के पहले किए गए थे। फेसबुक ने बताया कि इस हमले मेंटेक्नोलॉजी की मदद से कट्टरपंथी भावना को फैलाने की कोशिश की गई थी। इसके बाद हमने हिंसक कंटेंट की पहचान करने की दिशा में काम शुरू किया। नवंबर में फेसबुक आतंकीसंगठनों के खिलाफ तैयार की गई पॉलिसी को लागू करने पर विस्तृत जानकारी देगी।
फेसबुक का 9 प्वॉइंट इंडस्ट्री प्लान
फेसबुक 9 प्वॉइंट इंडस्ट्री प्लान भी डेवलप कर रही है, जिसमें उसका साथ माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर, गूगल और अमेजन दे रही हैं। इसमें आतंकवाद से जुड़ा कंटेंट टेक्नोलॉजी के जरिए कैसे ऐड्रेस किया जा सकता है, इसकी रुपरेखा तैयार की जाएगी। कंपनी ने बताया कि हमें अपनी रणनीति लगातार आगे बढ़ाए रखने की आवश्यकता है, क्योंकि हम जानते हैं कि ऐसे संगठन जो बुराई फैलाते हैं वे भी अपने काम को जारी रखेंगे। हमें लगता है कि मिलकर उठाए गए कदमों से इस काम में सफलता मिलेगी।
अमेरिका, ब्रिटेन के साथ काम कर रही फेसबुक
क्राइस्टचर्च हमले के वीडियो ने फेसबुक के ऑटोमैटिक डिटेक्शन सिस्टम को संकेत नहीं दिया, क्योंकि इससे पहले व्यक्ति की हिंसक घटनाओं को दिखाने वाला पर्याप्त कंटेंट नहीं था, जिसे मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी आसानी से नहीं समझ पाई। इसी के चलते हम अमेरिका और ब्रिटेन की सरकार और कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं, ताकि हमारे सिस्टम को प्रशिक्षित करने के लिए डेटा का वैल्यूबल सोर्स मिल सके।
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