बैन के बावजूद भारत में सक्रिय पोर्न वेबसाइट, डोमेन नेम बदलकर सरकार को दे रही चकमा

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गैजेट डेस्क. भारत सरकार की सख्ती औरबैन के बावजूद भारत मेंपोर्न साइट बिना किसी डर के सक्रिय है और सरकार को चकमा दे रही है। कई पोर्न साइट कंपनियों में अपना गंदा धंधा चलाने के लिए नया तरीका खोज निकाला है। कंपनियां नए डोमेन नेम का इस्तेमाल कर धडल्ले से संचालित की जारही है, जिसे देशभर के करोड़ों स्मार्टफोन और कम्प्यूटर पर देखा भी जा रहा है।

  1. डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन में इंफॉर्मेंशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 के सेक्शन 79(3)(b) के अंतर्गतसभी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों को यह सख्त निर्देश दिया गयाथा कि वे जल्द से जल्द सभी पोर्न साइटों को बैन करें क्योंकि इनका कंटेंट नैतिकता और शालीनता के विरुद्ध है। जिसके बाद कंपनियों ने पोर्न कंटेंटपरोसने वाली लगभग 857 कंपनियों परबैन लगायाथा।

  2. बैन और सख्त नियमों के बावजूद दो बडे़ग्लोबल पोर्न पोर्टल रेडट्यूब और पोर्नहब ने भारत में वापसी की।इन्हें प्रतिबंधित साइट को बिना किसी परेशानी के आसानी से देखा जा रहा है। पोर्नहब जहां पार्नहब.ओआरजी नाम से और रेडट्यूब भारत में रेडट्यूब डॉट नेट नाम से सक्रिय है।

    डॉट ओआरजी एक्सटेंशन खासतौर से नॉन प्रोफिट ऑर्गनाइजेशन और डॉट नेट एक्सटेंशन नेटवर्क को दर्शाता है, जिसे खासतौर से ईमेल, इंटरनेट और नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर इस्तेमाल करते हैं।

  3. भारतमें बैन सिर्फ डॉट कॉम एक्सटेंशन पर लगा है, ऐसे में इन पोर्न वेबसाइटों को आसानी से किसी भी डिवाइस पर देखा जा सकता है। इन्हें देखने के लिए न तो किसी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क की जरूरत है न ही किसी खास ब्राउशर की आवश्यकता है।

  4. दिसंबर 2017 में डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन के निर्देशों का पालन करते हुए कई बड़ी टेलीकॉम कंपनी जैसे जियो, एयरटेल और वोडाफोन ने पोर्न और चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी वेबसाइटों को बैनकर दिया था।

  5. साइबर लॉ एक्सपर्ट पवर दुग्गल का कहना है कि भारत में कड़े साइबर सिक्योरिटी लॉ बनाने की जरूरत है। पार्नोग्राफी और चाइल्ड पोर्नोग्राफी बेहद जटिल कनूनी मुद्दा है, जिनसे सावधानी और सख्ती से निपटाने की जरूरत है।

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