एक दुर्लभ लेकिन गंभीर फंगल इंफेक्शन, जिसे म्यूकोर्मिकोसिस (Mucormycosis) और बोलचाल की भाषा में “ब्लैक फंगस” के रूप में जाना जाता है.
डॉ. मुंजाल बताते हैं, ”ये बीमारी छुआ-छूत से नहीं फैलती है. लेकिन ये फंगस हवा में रहता है. यही आपको फफूंदी की शक्ल में ब्रेड पर और पेड़ के तनों पर काले रूप में दिखती है. ये फंगस आपकी नाक से होते हुए बलगम में मिलकर आपकी नाक की चमड़ी में चला जाता है. इसके बाद ये बीमारी बहुत तेज़ी से फैलती हुई सब कुछ ख़राब करते हुए दिमाग़ तक चली जाती है. इसमें मृत्यु दर 50 प्रतिशत है.”
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इसके बावजूद डॉ. मुंजाल समेत अन्य डॉक्टर मानते हैं कि इस बीमारी से डरने की ज़रूरत नहीं है.
स्टार इमेजिंग लैब के निदेशक डॉ. समीर भाटी बताते हैं, “हमें ये समझने की ज़रूरत है कि ये कोई नई बीमारी नहीं है. ये बीमारी पहले से हमारे बीच मौजूद थी. ये भी जानने की ज़रूरत है कि इससे अनियंत्रित डायबिटीज़ वाले लोगों को ख़तरा है. इसके साथ ही ट्रांसप्लांट वाले और आईसीयू में भर्ती मरीज़ों को भी ख़तरा है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कम होती है.”
Source: hi.quora.com
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