गैजेट डेस्क. ट्विटर अब दुनियाभर में अपने प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक विज्ञापन नहीं देगा। ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने बुधवार रात 11 ट्वीट कर इस बात का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर राजनेताओं द्वारा दी जा रही गलत सूचनाओं पर चिंता जताते हुए यह फैसला लिया गया है। जैक डोर्सी ने कहा- ‘आज के समय में विज्ञापन देने वालों के लिए इंटरनेट एक ताकतवर प्लेटफॉर्म बन गया है। लेकिन यह राजनीति के लिए घातक साबित हो सकता है। राजनीतिक विज्ञापनों से वोट को प्रभावित किया जाता है, जिससे करोड़ों लोगों की जिंदगियां प्रभावित होती हैं।’ हालांकि, फेसबुक पहले ही साफ कर चुका है कि वह राजनीतिक विज्ञापनों को बंद नहीं करेगा। न ही प्रतिबंध लगाएगा।
फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कहा- ‘राजनीतिक विज्ञापन राजस्व का प्रमुख स्रोत नहीं है। उनका मानना है कि इसके जरिए हर किसी को आवाज देना जरूरी है। लेकिन विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने से इससे केवल सत्ताधारियों को फायदा होगा।’ उधर, अमेरिका की डेमोक्रेटिक नेता हिलेरी क्लिंटन ने राजनीतिक विज्ञापनों पर बैन लगाने के ट्विटर के फैसले की सराहना की। उन्होंने फेसबुक को भी राजनीतिक विज्ञापन पर बैन लगाने पर विचार करने की सलाह दी। डोर्सी के मुताबिक, नई नीति के बारे में विस्तृत जानकारी 15 नवंबर तक जारी होगी। ट्विटर के नए नियम 22 नवंबर से लागू होंगे।
कहा- संदेशों की खुद की पहुंच होनी चाहिए न कि उसे खरीदा जाना चाहिए
ट्विटर सीईओ जैक डोर्सी ने लगातार ट्वीट कर कहा- राजनीतिक मुद्दों के साथ-साथ उम्मीदवारों के विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध रहेगा। पहले हम केवल उम्मीदवारों के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने वाले थे। लेकिन, यह भी सही नहीं है कि वे उन मुद्दों से जुड़े विज्ञापन खरीद लें, जिन पर वे ज्यादा जोर देना चाहते हैं। हमने कई ऐसे सामाजिक आंदोलन देखे हैं जो बिना किसी राजनीतिक विज्ञापन के जन-जन तक पहुंचे हैं। हम इस बात में विश्वास करते हैं कि राजनीतिक संदेशों की स्वयं की पहुंच होनी चाहिए न कि उसे खरीदा जाना चाहिए। उधर, ट्विटर के मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सहगल ने कहा कि इस कदम से थोड़ा वित्तीय प्रभाव भी पड़ेगा। लेकिन, यहां बात सिद्धांत की है, पैसे की नहीं।
फेसबुक फैमिली के 280 करोड़ यूजर्स हैं दुनिया में
फेसबुक की ऐप्स फैमिली के दुनिया में करीब 280 करोड़ यूजर्स हैं। फेसबुक ने सितंबर 2019 वाली तिमाही में रेवेन्यू के तौर पर 1.24 लाख करोड़ रुपए कमाए। फेसबुक यूजर्स डेटा लीक से जुड़ी घटनाओं के बाद कानूनविदों और रेग्युलेटर्स की भारी जांच के दायरे में है, और इस प्लेटफॉर्म का उपयोग अमेरिका में 2016 के चुनावों के दौरान गलत सूचना फैलाने भी हो चुका है। चुनाव के दौरान भारत सरकार ने भी सोशल प्लेटफॉर्म द्वारा गलत तरीकों की मदद से देश की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का कोई प्रयास करने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।