गैजेट डेस्क. अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के ग्लोबल एक्जीक्यूटिव निक क्लेग के वॉट्सएप मैसेज के ओरिजिन सोर्स पर दिए सुझाव से भारत सरकार सहमत नहीं है। सूत्रों के मुताबिक क्लेग ने प्रस्ताव रखा था वह ऐसे मैसेज पर कार्रवाई करने के लिए तैयार है जिन पर कानून लागू करने वाली एंजेसियों ने ऐतराज जताया हो। लेकिन, सरकार चाहती है कंपनी हर मैसेज के ओरिजिन सोर्स (जहां कोई मैसेज पहली बार लिखा गया हो) की जानकारी दे। ओरिजिन सोर्स की जानकारी को लेकर फेसबुक और सरकार के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही है। फेसबुक का कहना है कि इससे उसके प्राइवेसी नियमों और एंड टू एंड एनक्रिप्शन का उल्लंघन होगा।
गृह मंत्री और एनएसए के साथ भी हुई है मुलाकात
इस मामले पर कंपनी के रुख से जुड़े एक अधिकारी ने हालांकि कहा कि कंपनी वॉट्सएप मैसेज नहीं पढ़ सकती है, क्योंकि ये एनक्रिप्टेड होते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इस मसले पर क्लेग ने गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अजीत डोभाल, आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से 12 सितंबर को मुलाकात की थी।
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