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WorldFoodSafetyDay- रोजमर्रा की आदतों से मिलेगी “फूड सेफ्टी”

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कैमिकल, बैक्टीरिया, परजीवी, वायरस और अन्य गंदगी/ संक्रमण खाने को दूषित बनाते हैं

World Health Day: रोजमर्रा की आदतों से मिलेगी
कैमिकल, बैक्टीरिया, परजीवी, वायरस और अन्य गंदगी/ संक्रमण खाने को दूषित बनाते हैं

खाद्य सुरक्षा जरूरी
भोजन को इस प्रकार तैयार और स्टोर करना ताकि खानपान से जुड़ी बीमारियों को रोका जा सके, खाद्य सुरक्षा कहलाता है।

फल-सब्जियों पर प्रभाव
फलों और सब्जियों का आकार बढ़ाने के लिए इंजेक्शन लगाए जाते हंै, कीटनाशकों का अधिक मात्रा में प्रयोग कर फसलों का उत्पादन बढ़ाया जाता है। चीकू, पपीता, आम, केला, सेब व तरबूज ऎसे फल हैं जिन्हें जल्दी पकाने के लिए सबसे ज्यादा रसायनों का प्रयोग होता है।

दूध के लिए ध्यान रहे
अक्सर लोग एक बार मार्केट से दूध लाने के बाद इसे उबालते रहते हैं जिससे यह गाढ़ा हो जाता है। ऎसा दूध बढ़ते बच्चों के लिए तो सही होता है क्योंकि उन्हें प्रोटीन और कैलोरी ज्यादा चाहिए होती है। लेकिन ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल या दिल के रोग होने की स्थिति में इसके प्रयोग से बचना चाहिए।

यूं होता खाना दूषित
कैमिकल, बैक्टीरिया, परजीवी, वायरस व अन्य गंदगी/ संक्रमण खाने को दूषित बनाते हैं। इनसे बचाव के लिए आजकल ऑर्गेनिक फूड को काफी महत्व दिया जा रहा है। ऑर्गेनिक चीजों को उगाने के लिए पेड़-पौधों की पत्तियों और गोबर खाद का प्रयोग किया जाता है। जिससे इनमें किसी प्रकार के कैमिकल की कोई आशंका नहीं रहती लेकिन ये काफी महंगे होते हैं इसलिए जहां तक संभव हो मौसमी सब्जियां और फल खाएं। डिब्बाबंद जूस की बजाय ताजा जूस पिएं। पैक्ड दही या पनीर की बजाय इन्हें घर पर बनाएं। कोल्ड ड्रिंक की जगह नींबू पानी, शर्बत, छाछ आदि लें।

बाद में डालें नमक
किसी भी खाद्य पदार्थ को बनाने के लिए प्रेशर कुकिंग ज्यादा बेहतर होती है। इससे उसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट नहीं होते। लेकिन उसे ज्यादा देर पकाना नहीं चाहिए वर्ना विटामिन-बी और सी खत्म हो जाता है। आमतौर पर सब्जी बनाने से पहले ही उसमें नमक डालते हैं लेकिन विशेषज्ञ डॉ. प्रीति के अनुसार सब्जी आदि बनाने पर उसमें बाद में नमक डालना ज्यादा सही होता है क्योंकि तड़का लगाते हुए जब नमक डाला जाता है तो आयोडीन कंटेंट भाप बनकर उड़ जाता है। सब्जी में यदि नींबू भी बाद में डाला जाए तो उसका विटामिन-सी सही मात्रा में रहेगा।

फूड एलर्जी

कई लोगों को किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी होती है जैसे गेहूं, दूध आदि। उन्हें विशेषज्ञ की सलाह से एलर्जी टेस्ट करा लेना चाहिए। ये टेस्ट सभी अस्पतालों में उपलब्ध है जिसमें औसतन 600-1000 रूपए तक खर्च आता है।

दूध

गाय या भैंस आदि का दूध प्रयोग में लेने से पहले इसे अच्छी तरह उबालें ताकि इसमें मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाएं।

फल-सब्जियां धोएं
फूड सेफ्टी के लिए सभी फलों व सब्जियों को इस्तेमाल से आधा घंटा पहले पानी में डालकर रखें।

महत्वपूर्ण तथ्य
डब्ल्यूएचओ के स्थापना दिवस को हर साल “विश्व स्वास्थ्य दिवस” के रूप में मनाया जाता है। इस साल पांच बिंदुओं पर फोकस किया गया है।
1. सफाई रखें
2. कच्चे और पके भोजन को अलग रखें
3. खाने को अच्छी तरह पकाएं
4. भोजन को सही तापमान पर रखें
5. साफ पानी का प्रयोग करें।
दूषित खानपान पेट की बीमारियां, मुंह के छाले, फेफड़ों व त्वचा के रोग, प्रजनन क्षमता में कमी और कैंसर जैसे 200 रोगों का कारण हो सकता है। दूषित खानपान से प्रतिवर्ष दुनिया में 20 लाख लोगों की मौत होती है। वहीं डायरिया से पूर्व एशिया में हर साल 7 लाख बच्चे मरते हैं।

आर्टिफिशियल रंग नुकसानदायी
मिठाइयों, कैंडी आदि में आर्टिफिशियल रंग व फ्लेवर डाला जाता है जिसमें कार्सिनोजेनिक कैमिकल होता है जो कैंसर, अस्थमा और एलर्जी जैसे रोगों का मुख्य कारण है। बाजार के मसालों में रंग का प्रयोग होता है जिससे आंतों व खून में गड़बड़ी हो सकती है www.ezeonsoft.com

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