गौगामेला की लड़ाई। (331 ईसा पूर्व)
कल्पना कीजिए कि एक राजा के पास एक छोटी सेना है। (नीचे तस्वीर की दाईं ओर)
राजा को एक अभिमान से भरी हुई एक विशाल सेना को हराना है। (तस्वीर की बाईं ओर)
यह बड़ी सेना प्राचीन दुनिया की सबसे मजबूत सेना है, यानी फारसियों की सेना।
छोटी सेना के जीतने के आसार बहुत ही कम होंगे, लेकिन उनका राजा सिकंदर है? इसके बावजूद सेना तो छोटी ही है, तो आइए देखते हैं क्या होता है:
गौगामेला की लड़ाई ने भविष्य को हमेशा के लिए बदल दिया। हम सब के नवीन जीवन में इस लड़ाई की एक खास भूमिका है।
यह लड़ाई सिकंदर (Alexander the great) और फारस (Persia) के राजा डेरियस के बीच हुई थी और सिकंदर के जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई थी। डेरियस जंग में हाथियों का उपयोग कर रहा था, जो सिकंदर की सेना ने पहले कभी नहीं देखा था।
युद्ध-नीति।
जैसे ही लड़ाई शुरू हुई, सिकंदर ने सेना की एक छोटी सी टुकड़ी सहित मैदान के दाईं ओर तेजी से घोड़े भगाना शुरू कर दिया। बाकी सेना अपनी जगह पर ठहरी रही।
यह देख डेरियस हैरान रह गया। उसने सिकंदर का पीछा करने के लिए अपनी सेना के बड़े टुकड़े को आदेश दिया और बाकी सेना ने सिकंदर की ठहरी हुई सेना पर धावा बोल दिया। डैरियस एक छोटी टुकड़ी के साथ अपने स्थान पर खड़ा रहा।
सिकंदर यही चाहता था। वह तेजी से घोड़े भगाता रहा और दुश्मन सेना ने उसका पीछा किया। अचानक उसने अपना घोड़ा घुमाया और सीधे डेरियस की ओर दौड़ने लगा। सिकंदर की सेना उसके पीछे थी।
तो ये क्या किया सिकंदर ने? उसने डेरियस की सेना के एक टुकड़े डेरियस से दूर करके अपने पीछे लगा लिया। दूसरा बड़ा टुकड़ा सिकंदर की सेना की ठहरी हुई टुकड़ी के साथ लड़ने में व्यस्त था। डेरियस के अन्य सैनिक जा सिकंदर के पीछे भागे तो उसने दिशा बदलकर डेरियस की ओर रुख किया।
डेरियस के पास वहां सेना की छोटी टुकड़ी मौजूद थी। अब सिकंदर को आता हुआ देख डेरियस की आँखें फटी रह गई। सिकंदर एक पागल की तरह उसकी ओर दौड़ रहा था। डेरियस वहां से भाग निकला। इस तरह गौगामेला की लड़ाई का अंत हुआ। 60,000 फारसी सैनिक मारे गए जबकि सिकंदर के केवल 900 सैनिक मारे गए थे।
डेरियस की कमजोर रणनीति।
क्या होता अगर डेरियस ने भागते हुए सिकंदर के पीछे अपनी सेना की टुकड़ी नहीं भेजी होती और उन्हें अपने पास रखा होता? वो सिकंदर का अंत होता सिकंदर को पता था कि ऐसा भी हो सकता था। लेकिन इस चाल के अलावा सिकंदर के पास कोई और चारा नहीं था।
सिकंदर की जीत ने हर संस्कृति को प्रभावित किया। अगर वह इस लड़ाई को हार जाता, तो शायद दुनिया आज कुछ अलग होती।