तरीका : १ पहले आपके अकाउंट से फोटो चुराते हैं फिर आपके नाम का अकाउंट बना कर आपके दोस्तों को भेजते हैं फ्रेंड रिक्वेस्ट बन जाते हैं दोस्त बात करते हैं व्हाट्सप्प और फेसबुक से उन लोगो से फिर रात में अचानक में मांग लेते हैं पैसे बोलते हैं की बहुत एमेजेन्सी में हूँ कभी बोलते हैं की तबियत ख़राब हैं कभी बोलते हैं की एक्सीडेंट हो गया है और किसी और से कॉल करवाते हैं और पैसे मांगते हैं | इसलिए सबसे ज्यादा सावधान रहें अपने फ्रैंड लिस्ट को छुपा के रखें फॉर किसी अनजान को दोस्त न बनाये बार बार एक ही नाम के id से रिक्वेस्ट आये तो उसे स्वीकार न करें ||
एक घटना :- दूसरा तरीका :- राजधानी के अवधपुरी इलाके में रहने वाले अरुण रगासे को उनके मित्र का कॉल आया कि भाभी का स्वास्थ्य कैसा है? अरुण ने कहा कि उनकी तबीयत तो एकदम ठीक है। यह सुनकर उनके मित्र ने कहा कि अभी तो तुम इलाज के लिए पैसे मांग रहे थे। अरुण यह जानकर थोड़े हैरान हुए और पूरा मामला जाना।
तब पता चला कि उनके फेसबुक मैसेंजर से उनके मित्रों को मैसेज जा रहे हैं कि पत्नी की तबीयत खराब है और वह अपोलाे अस्पताल दिल्ली में एडमिट है। इसलिए अकाउंट में 20 हजार रुपए जमा कर दो। कुछ देर बाद दूसरे मित्र का कॉल आया तो साफ हो गया कि अरुण का फेसबुक अकाउंट हैक हो गया है। हैरानी वाली बात यह कि उनका अकाउंट भी उस समय ओपन था, लेकिन मैसेजंर के नोटिफिकेशन बंद होने की वजह से पता ही नहीं चल पाया कि अकाउंट हैक हो गया। ऐसा ही कुछ होशंगाबाद रोड निवासी सुनील कुमार के साथ हुआ। उनका अकाउंट तो दो दिन तक हैक रहा और सैंकड़ों मैसेज उनके नाम पर मित्रों को किए गए। चूंकि सुनील का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, यह सोचकर करीब सात-आठ मित्रों ने पैसा भी ट्रांसफर कर दिया। लेकिन एक मित्र सुदीप को शंका हुई तो उन्होंने कॉल करके सुनील के हाल चाल जाने।
तब पता चला कि अकाउंट हैक करके इस तरह के मैसेज किए जा रहे हैं। हालांकि सुनील सायबर एक्सपर्ट की मदद से तत्काल अकाउंट रिकवर कर लिया और एक कॉमन मैसेज भेजकर सभी फेसबुक मित्रों को सावधान किया। यह दो मामले महज उदाहरण है, लेकिन इस तरह से दर्जन भर ठगी के मामले बीते एक महीने में सामने आए। सभी मामलों में पासवर्ड बदलते ही अकाउंट रिकवर हो गया। यानि पुराना पासवर्ड होने की वजह से ठगी हुई।
जिन लोगों को आप नहीं जानते, उन्हें फेसबुक पर मित्र नहीं बनाएं
- इन वजहों से अकाउंट हो रहा है हैकसायबर विशेषज्ञ ने अकाउंट हैक होने वाले लोगों से हो बात की तो सभी मामलों में एक तरह की बात सामने आई। इसमें सभी पीड़ितों ने अपने पासवर्ड पिछले कई साल से नहीं बदले थे। दूसरी बात इनके अकाउंट अलग-अलग डिवाइस पर खोले गए थे। इनमें से ही किसी डिवाइस पर पासवर्ड सेव हो गया और उसे ओपन करके हैकर ने सबको मैसेज भेजे। यहां एक और बात सामने आई कि अकाउंट हैक करने वाले बहुत जानकार नहीं है, बल्कि उन्होंने फेसबुक यूजर्स की लापरवाही का फायदा उठाया है।
- अकाउंट को ऐसे रखें सुरक्षितफेसबुक अकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए सबसे कारगर तरीका है कि हर तीन या छह महीने के भीतर पासवर्ड में थोड़े बहुत बदलाव करते रहें। एक मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी रिकवर करने के लिए एड रखें। पासवर्ड चेंज करने के लिए ओटीपी कोड का विकल्प चालू करें। यदि किसी अन्य डिवाइस पर अपना अकाउंट ओपन कर रहे हैं तो गलती से भी पासवर्ड याद रखने वाले विकल्प को स्वीकार नहीं करें। ज्यादा रिस्क हो तो एक अकाउंट लॉग करने के बाद दोबारा एक गलत पासवर्ड डालकर लॉग इन करें। इससे गलत पासवर्ड वहां रह जाएगा। जिन लोगों को आप नहीं जानते, उन्हें फेसबुक पर मित्र नहीं बनाएं।
- अंजान लोगों को मित्र नहीं बनाएफेसबुक अकाउंट में मित्रों की संख्या बढ़ाने के लिए हम उन लोगों को भी एड कर लेते हैं, जिन्हें हम बिलकुल भी नहीं जानते। खासतौर से विदेशी लड़कियों की प्रोफाइल को एड कर लिया जाता है। अंजान को बिलकुल मित्र नहीं बनाए। यही लोग आपसे बातचीत में समझ लेते हैं कि आप किस तरह के पासवर्ड बना सकते हो और कैसे मित्र हैं।