- यह फाइबर फ्रेम चमगादड़ से पंखों सा दिखता है, जो यूजर के आधे शरीर को कलर कर लेता है
- इसमें UV लाइट्स हैं, जो कवच के अंदर गर्मी पैदा करती है जिसमें वायरस पनप नहीं पाता
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- चीनी आर्किटेक्चर ने चमगादड़ों से इंस्पायर्ड होकर बनाया सुरक्षा कवच, इसमें UV लाइट्स लगी हैं जो वायरस को नष्ट करेंगी
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कोरोनावायरस का प्रकोप दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है। चमगादड़ों से फैले इस वायरस की जद में अब तक दुनिया के 70 देश आ चुके हैं। 3113 लोगों की मौत हो चुकी है और 90900 मामले सामने आ चुके हैं। इस समस्या से निपटने के लिए चीनी आर्किटेक्ट डायोंग सन ने चमगादड़ों की रोग प्रतिरोधक क्षमता और उनके पंखों से इंस्पायर्ड होकर एक ऐसा फाइबर फ्रेम तैयार किया है, जिससे बैग की तरह पहनकर वायरस से बचा जाा सकेगा। यह दिखने में चमगादड़ों के पंख सा लगता है और इसे बनाने में थर्मोप्लास्टिक स्ट्रेचेबल मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। यह यूजर के आसपास एक कवच तैयार करता है। इसमें यूवी लाइट्स की मदद से गर्मी पैदा की जाती है, जिसमें कोरोनावायरस पनप नहीं पाता।
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कैसे काम करता है ये कवच
- इसका डिजाइन चमगादड़ों से इंस्पायर्ड है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस जीव की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत होती है। उड़न भरने की क्षमता के कारण इनके शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है साथ ही मेटाबॉलिज्म भी तेज हो जाता है। इसी कारण हवा में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाते। डायोंग ने बताया कि कोरोनावायरस 56 डिग्री सेल्सियस पर नष्ट हो जाते हैं।
- इस फाइबर फ्रेम में यूवी लाइट्स लगी है। इन लाइट से पैदा हुई गर्मी से फ्रेम के अंदर का तापमान बढ़ जाता है, जिसमें कोरोनावायरस जीवित नहीं रह पाता। हालांकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन बता चुकी है कि ये यूवी लाइट्स त्वचा के लिए हानिकारक है। यूवी लाइट्स के संपर्क में आने से त्वचा संबंधित समस्याएं हो सकती है।
- यह थर्मोप्लास्टिक मटेरियल यूजर को कार के विंडशील्ड की तरह कवर कर लेता है। इसके ग्लास के बीच में हीटर वायर लगे हैं जो ठंडी के मौसम में बर्फ और स्नो को पिघलाते हैं। उन्होंने आगे बताया कि इसका प्रोडक्शन मॉडल बनाने के लिए इस पर काफी काम करना बाकी है। डायोंग ने बताया कि फिलहाल वे इसका रियर वर्ल्ड मॉडल तैयार करने के लिए इन्वेस्टर की तलाश में है।
- एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोनावायरस चमगादड़ों की गुफाओं में 16 साल पहले ही पनप चुके थे। हालांकि इसकी सटीक लोकेशन की पुष्टि तो नहीं हो पाई है लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वायरस का जन्म युनान जो वुहान से करीब 1700 किमी. दूर में हुआ था।