जर्मनी के वैज्ञानिक ने 40 हजार रुपए में बनाया हाईटेक ग्लव्स, इसकी मदद से देख सकेंगे कमजोर नजर वाले लोग

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गैजेट डेस्क. जर्मनी के डिजाइनर जैकॉब किलिएन ने कमजोर नजर औरआंखो की रोशनी खो चुकेलोगों के लिए वियरेबल सेंसरी सब्सटीट्यूशन डिवाइस का प्रोटोटाइप तैयार किया है। इसे अनफोल्डिंग स्पेस नाम दिया गया है। यह डिवाइस ग्लव्स में फिट है जिसे यूजर पहनकर चल सकते हैं। डिवाइस यूजर को वाइब्रेशन के जरिए सही और सटीकरास्ता बताता है। इसमें लगे डेप्थ कैमरे यूजर के आसपास की चीजों के 3D पिक्चर कैप्चर करते हैं। इसमें 9 मोटर अलग-अलग तरह के वाइब्रेशन के जरिए यूजर को अलर्ट करती हैं।

इस डिवाइस को बनाने के पीछे किलिएन का मुख्य उद्देश्य यह है कि कमजोर नजरया दृष्टिबाधित लोगों को किसी पर निर्भर न रहना पड़े। साथ ही इसके जरिए पारंपरिक छड़ी से भी छुटकारा मिल सके। अनफोल्डिंग स्पेस यूजर को अनजान रास्तों पर बिना किसी परेशानी के चलने की अनुमति देता है। वाइब्रेशन की लोकेशन वस्तु के पोजीशन बताती है जबकि वाइब्रेशन की क्षमता उसकी दूर या पास होने का संकेत देती है।

किलिएन बताते हैं कि इस प्रोटोटाइप डिवाइस को बनाने में लगभग 40 हजार रुपए का खर्च आया। यह बाजार में उपलब्ध अन्य सेंसरी सब्सटीट्यूशन डिवाइस से काफी किफायती है।

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German designer created unfolding space for visually impaired people will give different vibrations to the user
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