लाइफस्टाइल डेस्क. पेरू की वावालैपटॉप टेक्नोलॉजीकंपनी ने नई और सस्ती तकनीक से बना लकड़ी का लैपटॉप लॉन्च किया है। यहकाफी सस्ताहै और आसानी से रिपेयर किया जा सकेगा। इसे वावालैपटॉप नाम दिया गया है। कंपनी का दावा है कि इसे 15 से 20 साल तक इस्तेमाल किया जा सकेगा। वावालौपटॉप पेरू के दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोगों और बच्चों के लिए तैयार किया गया है।यह वजन में भी काफी हल्का है।
- 2015 में इसका सिर्फप्रोटोटाइप पेशकिया गया था लेकिन 2019 में 2.0 वर्जन के साथ इसे लकड़ी के साथ बनाया गया। मुफ्त लाइनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम से संचालित होने वाले इस वावालैपटॉप को हाल ही में बाजार में उतारा गया।
- यह पेरू के उन लोगों के लिए तैयार किया गया है, जो शहरों से दूर रहते हैं इसलिए इसकी कीमत काफी कम रखी गई है। इसकी कीमत 17 हजार रुपए रखी गई है। हालांकि, भारत में इसे बेचा जाएगा या नहीं, इस बात की जानकारी कंपनी ने नहीं दी।
- कम्प्यूटर और मार्केटिंग एक्सपर्ट्स ने मिलकर एसबीसी (एकल बोर्ड कम्प्यूटर) बनाया और इसे लकड़ी के केस में फिट किया है। इसकी मरम्मत भीआसानी से की जा सकेगी और अगर कोई इसकी बॉडी में कोई बदलाव करना चाहे तो वो भी आसानी से संभव है।
- कम्प्यूटरइंजीनियर और वावालैपटॉप टेक्नोलॉजी के मैनेजर जेवियर क्रास्को के मुताबिक, ‘‘हमें ये महसूस हुआकि लोगों को कुछ नया देने की बजाए उन्हें पुराना लौटाया जाए। इसलिए एकल बोर्ड कम्प्यूटर का इस्तेमाल कर पहला लैपटॉप बनाया।’’
- क्रास्को ने बताया कि ‘हमने खासतौर पर बच्चों को ध्यान में रखकर इसे डिजाइन किया है। तीसरी और चौथी क्लास के बच्चे हर वक्त अपने साथ रख सकते हैं और जब ये बच्चे बड़ी क्लास में जाएं तो इसे 3.0 और 4.0 वर्जन के साथ अपग्रेड कर सकते हैं। लकड़ी से बने होने कारण यहप्रकृति और मानव इंद्रियों को काफी कम नुकसान पहुंचाएगा। क्रास्को फिलहाल इसे पेरू से बाहर लॉन्च करने पर विचार नहीं कर रहे हैं।
इसे सोलर और रेग्युलर (बिजली) दोनों ही तरीकों से चार्ज किया जा सकेगा। इसकी बॉडी को जब चाहे बदला जा सकेगा यानी आप जब एक डिजाइन से बोर हो जाएं तो बड़ीआसानी से इसकी बॉडी बदल सकते हैं और ये लगातार 15 सालों तक साथ दे सकता है।