मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के नए नियम 11 नवंबर से नहीं होंगे लागू, तकनीकी कारणों से टाला फैसला

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गैजेट डेस्क. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के संशोधित नियम फिलहाल 11 नवंबर से लागू नहीं होंगे। ट्राई ने तकनीकी कारणों के चलते नई व्यवस्था को आगे के लिए टाल दिया है। बता दें कि नए नियम 11 नवंबर से लागू होने वाले थे। जिसके चलते 4 से 10 नवंबर के बीच एमएनपी के लिए होने वाले आवेदन भी बंद कर दिए गए थे। यानी यूजर्स अब इस दौरान नंबर पोर्टेबिलिटी करा सकते हैं। फिलहाल ट्राई ने नई तारीख के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

ट्राई ने बताया कि जो समयसीमा बताई गई है उसमें दूरसंचार ऑपरेटर्स और एमएनपी सेवा प्रदाताओं के स्तर पर कुछ तकनीकी मुद्दों को देखते हुए उसका पालन नहीं किया जा सकता है।

नई व्यवस्था में जल्दी होगा काम

ट्राई के एक अधिकारी के अनुसार नई व्यवस्था लागू होने के बाद कोई व्यक्ति एमएनपी कराता है तो इसकी प्रक्रिया 2 कामकाजी दिनों में पूरी हो जाएगी। वहीं, एक सर्किल से दूसरी सर्किल के लिए नंबर पोर्टेबिलिटी के आग्रह को 5 दिन में पूरा किया जाएगा। अभी इस प्रक्रिया के पूरे होने में 7 दिन का समय लगता है।

पोर्टिंग आवेदन खारिज करने पर लगेगा 10000 जुर्माना

नए नियमों के मुताबिक, पोर्टिंग का आवेदन गलत कारणों से खारिज करने पर ट्राई मोबाइल ऑपरेटर पर 10,000 रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है। नए नियमों के तहत ट्राई ने कॉरपोरेट पोर्टिंग को भी आसान किया है। अब सिंगल अथॉराइजेशन लेटर का इस्तेमाल करके एक साथ 100 मोबाइल नंबर पोर्ट कराए जा सकेंगे। पहले यह लिमिट 50 मोबाइल नंबर थी।

टेलिकॉम ऑपरेटर्स को मिलेगा फायदा

टेलिकॉम ऑपरेटर्स को हर मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी ट्रांजैक्शन के लिए अलग-अलग एजेंसियों को भुगतान करना पड़ता है। ट्राई द्वारा तय की गई नई फीस अब सिर्फ 5.74 रुपए हो गई है, जिसके बाद टेलिकॉम ऑपरेटर्स को हर ट्रांजैक्शन में बचत होगी। टेलिकॉम ऑपरेटर्स को हर नए ग्राहक के लिए अभी 19 रुपए का भुगतान करना पड़ता है।

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Trai postpones November 11 deadline for revamped MNP, cites technical issues
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