गैजेट डेस्क.इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2019 कासोमवार कोदूसरा दिन था। इवेंट केदूसरे दिन भी 5जी टेक्नोलॉजीऔर उससे जुड़े प्रोडक्ट्स का बोलबाला रहा। यह दिन खासतौर से स्मार्ट सिटी प्रोडक्ट पर फोकस रहा।रिलायंस जियो और साउथ कोरियाई कंपनी सैमसंग में रियल वर्ल्ड में 5जी तकनीक की उपयोगिता के बारें में बताया। सैमसंग नेटवर्क का इस्तेमाल कर जियो ने दुनिया की सबसे बड़ी ग्रीन-फील्ड और ऑल आईपी बेस्ड 4जी एलटीई नेटवर्क को तैयार किया, जिसका लाभ 34 करोड़ सब्सक्राइबर्स को मिलेगा।
इवेंट में जियो-सैमसंग ने5जी तकनीक से मिलने वाले बिजनेस के नए अवसरों के बारें में भी बात की। कंपनी ने 5जी एनएसए मोड, एडवांस्ड 4जी एलटीई और 5जी टेक्नोलॉजी की मदद से डुअल कनेक्टेड नेटवर्क तैयार किया। इवेंट में कंपनी ने बताया कि नई तकनीक में होने वाला नए इनोवेशन से कैसे ग्राहक, कंपनी और समाज को लाभ होगा। जियो ने अपनी वर्चुअल क्लासरूम तकनीक को पेश किया, इसकी मदद से स्टूडेंट्स घर बैठे ही क्लासरूम की तरह पढ़ाई कर सकेंगे। इस टेक्नोलॉजी के जरिए स्टूडेंट्स 360 डिग्री वर्चुअल लेक्चर ले सकेंगे।
इसके साथ ही हुवावे ने 5जी टेक्नोलॉजी पर बेस्ड स्मार्ट सिटी सॉल्यूशन भी पेश किए, जिसमें शहर भर में स्मार्ट कंपोनेंट्स लगाएं जाएंगे जो शहर की तमान जानकारी कंट्रोल रूम तक पहुंचाएंगे। बेंग्लुरु बेस्ड कंपनी कोग्नो ने भी अपनी स्मार्ट टॉवर पेश किया जो अतिक्रमण होने पर या नो-पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने वालों की जनकारी कंट्रोल रूम तक पहुंचा देगा।
इवेंट में हुवावे ने 5जी तकनीक पर बेस्ड इंडिया सेंट्रिक सॉल्यूशन्स पेश किए। जैसे की नाम से पता चल रहा है इसे खासतौर से भारत के लिए डिजाइन किया गया है। कंपनी ने 5जी प्लस स्मार्ट सिटी, 5जी प्लस सेफ सिटी, 5जी प्लस एयरपोर्ट (बोर्डिंग गेट) और 5जी प्लस एजुकेशन (और रिमोट क्लासरूम) पेश किए, जो देश की डिजिटल इंडिया मुहीम को बढ़ावा देगी। इसके साथ ही कंपनी ने हुवावे 5जी पर बेस्ड वाई-फाई 6 पेश किया।
5जी प्लस स्मार्ट सिटी 2.0
यह शहर के सब सिस्टम से सफाई, ट्रैफिक समेत कई तरह का डेटा कलेक्ट कर एनालाइज करेगा, ताकि तेजी से काम किया जा सके। यह रियल टाइम रिसोर्स मैनेजमेंट करेगा साथ ही शहरभर में पब्लिक रिसोर्सेस की स्थिति भी दर्शाएगा। इसमें वॉयस, वीडियो, जीआईएस मैप, कॉल सेंटर, कमांड सेंटर जैसे सुविधाएं भी मिलेंगी।
5जी प्लस स्मार्ट सिटी-स्मार्ट पोल
स्मार्ट सिटी सॉल्यूशन के तरत शहर में स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे, जो न सिर्फ लैंप पोस्ट का काम करेंगे बल्कि कई फंक्शन से लैस होंगे। इसमें स्मार्ट लाइटिंग, वायरलेस नेटवर्स, वीडियो के जरिए निगरानी, बिलबोर्ड, इमरजदेंसी कॉल, चार्जिंग जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
5जी प्लस एआई पावर्ड सेफ सिटी
हुवावे का यह इंटेलिजेंट सिटी सर्विलांस सॉल्यूशन सिस्टम एआई पावर कैमरे से लैस होगा। इससे शहर से संवेदनशील जगाहों पर नजर रखी जा सकेगी साथ ही गुम हुई चीजों तो ढूंढने में भी मदद मिलेगी।
इस समय देश के सभी शहरों को स्मार्ट सिटी में बदलने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में बेंगलुरु की कंपनी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है। यह शहरभर में स्मार्ट पोल के जरिए शहर के कोने कोने से जानकारी जुटाएगी। इसके लिए कंपनी ने खास टॉवर्स तैयार किए हैं जो एआई तकनीक पर काम करेंगे। इन्हें एक कंट्रोल रूम के जरिए कंट्रोल किया जाएगा और डेटा कलेक्ट किया जाएगा। इसकी सबसे खास बात यह है कि इन्हें पूरी तरह से भारत में ही तैयार किया गया है।
टॉवर में मिलेगी वाई-फाई और चार्जिंग की सुविधा
यह बिजली या टेलीकॉम कंपनी वाला टॉवर जैसा नहीं है। आज के जमाने में जितनी डिजिटल टेक्नोलॉजी मौजूद हैं, ये टॉवर उन सबको होस्ट करता है। इस टॉवर में आप अपनी मर्जी के मुताबिक कंपोनेंट्स जोड़ सकते हैं। इसे बिल्डिंग्स के ऊपर भी लगाया जा सकता है। इस टॉवर में कैमरा, स्क्रीन, सोलर पैनल, वाई-फाई, ड्रोन लैंडिंग और चार्जिंग प्वाइंट, ई-व्हीकल चार्जिंग प्वाइंट समेत कंपोनेंट्स लगाए जा सकेंगे।मोबाइल फोन जैसा है कॉन्सेप्ट
यह मोबाइल फोन के कॉन्सेप्ट पर काम करता है। जैसे फोन लेने के बाद आप उसमें कितने भी ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। हर ऐप के लिए आपको नया फोन नहीं खरीदना होता। वैसे ही इस टॉवर में भी कई चीजें जोड़ी जा सकेंगी। इन पर आप अपनी जरूरत के मुताबिक नए फीचर्स जोड़ सकते हैं। जैसे-जैसे आप तकनीक जोड़ते जाएंगे, टॉवर की ऊंचाई बढ़ती जाएगी।देश के 8 शहरों में इंस्टॉल हो चुकेटॉवर्स
कोग्नो कंपनी के इस इनोवेशन को कई शहरों के प्राधिकरणों ने इस्तेमाल करना शुरू किया है। नासिक, हैदराबाद जैसे तकरीबन 8 शहरों में इन टॉवर्स को इंस्टॉल किया जा चुका है। ये टॉवर्स पूरे शहर को मैप कर सकते हैं और बात सकते हैं कि शहर में ड्रेनेज सिस्टम कैसा है, सड़कों का क्या हाल है, वेस्ट डिस्पोजल ठीक से हो रहा है या नहीं, ग्रीनरी कितनी है, कहीं अतिक्रमण तो नहीं किया गया। इन टॉवर्स के डेटा को प्रोसेस करने के लिए कई बड़ी कंपनीज ने बैकएंड सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन्स मुहैया कराए हैं। शहरों में जरूरत के मुताबिक कितने भी टॉवर्स लगाए जा सकते हैं। इनसे मिलने वाले डेटा का कंसोल पैनल्स पर असेसमेंट किया जा सकता है। इनमें लोगों का डेटा भी शामिल होगा कि किसने टैक्स नहीं चुकाया है, किसने सड़क पर गाड़ी पार्क कर रखी है या कौन नियमों का पालन नहीं कर रहा है। ऐसे में सरकार के लिए शहर पर नजर रखना और ठीक से मेंटेन करना आसान होगा।