इसके मुताबिक यह ऐप किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक व्यापक नस्ल सुधार बाज़ार और सूचना पोर्टल है। … वहीं टीकाकरण, गर्भावस्था निदान, शांत करने आदि के लिए नियत तारीख और किसानों को क्षेत्र में विभिन्न सरकारी योजनाओं , अभियानों के बारे में भी यह ऐप सूचित करेगा। ई–गोपाला ऐप इन सभी पहलुओं पर किसानों को समाधान प्रदान करेगा।
https://www.narendramodi.in/ पर इस ऐप के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक यह ऐप किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक व्यापक नस्ल सुधार बाज़ार और सूचना पोर्टल है। वर्तमान में देश में पशुधन का प्रबंधन करने वाले किसानों के लिए कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं है, जिसमें सभी रूपों (वीर्य, भ्रूण, आदि) में रोग मुक्त जर्मप्लाज्म की खरीद और बिक्री शामिल है। इस ऐप के जरिए कृत्रिम गर्भाधान, पशु की प्राथमिक चिकित्सा, टीकाकरण, उपचार आदि और पशु पोषण के लिए किसानों का मार्गदर्शन किया जा सकेगा। वहीं टीकाकरण, गर्भावस्था निदान, शांत करने आदि के लिए नियत तारीख और किसानों को क्षेत्र में विभिन्न सरकारी योजनाओं , अभियानों के बारे में भी यह ऐप सूचित करेगा। ई-गोपाला ऐप इन सभी पहलुओं पर किसानों को समाधान प्रदान करेगा।
पीएम मोदी ने लॉन्च किया मत्स्य संपदा योजना, 55 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पीएमएमएसवाई यानी मत्स्य संपदा योजना को लॉन्च कर लाखों किसानों को तोहफा दिया है।। इस योजाना से करीब 55 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इस योजना के तहत इससे पांच साल में अतिरिक्त 70 लाख टन मछली का उत्पादन हो सकेगा। यह मछली के एक्सपोर्ट को दोगुना बढ़ाकर 1,00,000 करोड़ रुपये कर देगी। वहीं प्रधानमंत्री किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक व्यापक नस्ल सुधार बाजार और सूचना पोर्टल ई-गोपाला ऐप भी लॉन्च किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा बिहार में मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्रों में कई अन्य पहल भी शुरू की गई।
20,050 करोड़ रुपये होंगे खर्च
पीएमएमएसवाई के तहत 20,050 करोड़ रुपये मत्स्य क्षेत्र में अब तक का सबसे अधिक फंड है। इसमें से मरीन, इनलैंड फिशरीज और एक्वाकल्चर में लगभग 12340 करोड़ रुपये और फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगभग 7710 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है है। मत्स्य संपदा योजना का लाभ केवल मछुआरा समुदाय से संबंध रखने वाले लोगों को मिलेगा। जलीय क्षेत्रों से संबंध रखने वाले और जलीय कृषि का कार्य करने वाले या इसके लिए इच्छुक व्यक्ति ही इस योजना के पात्र होंगे। समुद्री तूफान,बाढ़, चक्रवात जैसी किसी प्राकृतिक आपदा का बुरी तरह से ग्रसित मछुआरों को इसका फायदा मिलेगा। मछली पालने वाले किसानों को भी आसानी से3 लाख रुपये का लोन मिल सकेगा। मछलीपालन को सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ दिया है।
अब इस केसीसी के माध्यम से किसान मछली, झींगा मछलियों के पालन कर सकते है। किसान क्रेडिट कार्ड धारक 4 फीसदी ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं। वहीं समय पर लोन का भुगतान करने परब्याज में अलग से छूट दी जाती है। बता दें राहत पैकेज की घोषणा करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि मरीन, इनलैंड फिशरी और एक्वाकल्चर में गतिविधियों के लिए 11,000 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराया जाएगा।