नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya Gangrape) मामले में अब एक और दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर कर दी है. मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में पवन गुप्ता ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने उसकी नाबालिग होने की याचिका खारिज कर दी थी.
इससे पहले हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने खारिज कर दी थी. इसके अलावा हाईकोर्ट ने दोषी के वकील एपी सिंह को याचिकाकर्ता के फर्जी आयु प्रमाण लगाने और अदालत का समय बर्बाद करने के लिए फटकार लगाई थी. कोर्ट ने दिल्ली बार काउंसिल को वकील एपी सिंह से 25 हजार रुपया जुर्माना वसूलने और उनकी खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी किया है. दरअसल तिहाड़ जेल में बंद पवन गुप्ता ने याचिका दाखिल कर कहा था कि वर्ष 2012 में वारदात के वक्त वो नाबालिग था इसलिए उस पर जस्टिस जुविनाइल एक्ट के तहत केस चले.
ससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया बलात्कार मामले के दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. मुकेश 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक है जिन्हें फांसी की सजा का आदेश दिया गया है.
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरूवार देर रात दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी जिसके बाद राष्ट्रपति ने इसे खारिज कर दिया. सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति कोविंद ने मुकेश सिंह की दया याचिका को खारिज कर दिया है. दया याचिका खारिज होने की खबर मिलने के बाद निर्भया के पिता ने कहा, ‘यह बहुत अच्छी बात है. जब हमने ‘फांसी देने में देरी हो सकती है’ वाली खबर सुनी तो हमारी सारी उम्मीदें धूमिल पड़ गई थीं.’