रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को इस बात को लेकर चिंता है कि क्रिप्टोकरेंसी एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी की वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। CNBC TV 18 को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सरकार को इस चिंता के बारे में बता दिया गया है। इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा है कि पीएम मोदी का प्रशासन देश में सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने और एक अधिकृत डिजिटल करेंसी लॉन्च करने के पक्ष में है।
RBI ने डिजिटल करेंसी के जालसाजी में उपयोग की खबरों के बाद साल 2018 में सभी बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करने से पाबंदी लगा दी थी। किंतु सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए क्रिप्टों करेंसी पर लगी पाबंदी को हटाने का निर्देश दिया था।
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इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि आरबीआई इस बात की संभावना तलाश रहा है कि क्या देश में रुपये के डिजिटल वर्जन को जारी करने की जरूरत है। गौरतलब है कि प्राइवेट डिजिटल करेंसी ने हाल के सालों में काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है।
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आरबीआई ने भारत में पेमेंट सिस्टम पर जारी अपनी एक बुकलेट में भी कहा था कि भारत सरकार और रेगुलेटर्स इन क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर और उनसे जुड़े जोखिमों को लेकर आशंकित हैं। इसके बावजूद आरबीआई इस बात की संभावना तलाश रहा है कि क्या देश में चल रही वैध मुद्रा के एक डिजिटल वर्जन की जरूरत है और अगर इसकी जरूरत है भी तो इसका संचालन और रेगुलेशन कैसे होगा।
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