नहाने के साबुन पर टॉयलेट सोप क्यों लिखा हुआ होता है?

नहाने के साबुन पर टॉयलेट सोप क्यों लिखा हुआ होता है?

Life Science

नहाने के साबुन पर टॉयलेट सोप क्यों लिखा हुआ होता है? उन्हें बाथ सोप कह कर विज्ञापित क्यों नहीं किया जाता है? क्या टॉयलेट सोप और बाथ सोप अलग-अलग होते हैं?

सबसे पहले देख लेते हैं कि क्या नहाने के साबुन पर हमेशा ही टॉयलेट सोप लिखा रहता है?

साक्ष्य के लिए साबुन बाज़ार के बहुसंख्य प्रसिद्ध उत्पादों में से दो उत्पादों की तस्वीर देख लेते हैं।

दोनों ही उत्पादों के सामने की पूरी और प्रष्ठ भाग की ज़ूम्ड तस्वीर हैं, ताकि पीछे के बारीक अक्षर पढ़ने में सुविधा हो।

वॉट्सऐप ने काम के दो फीचर जोड़े, तो रेडमी यूजर्स को मिला MIUI 12 का अपडेट; नौकरी दिलाने के लिए गूगल लाया ये ऐप

उत्पाद 1

उत्पाद 2

लाल गोले में तीर का निशान इंगित कर रहा है कि इन दोनों ही नहाने के साबुनों पर टॉयलेट सोप (Toilet Soap) लिखा हुआ है। इसके आगे ही उनकी ग्रेड और TFM वैल्यू लिखी हुई है, जिनके बारे में हम आगे जानेंगे।

अभी जानते हैं कि कम्पनियों द्वारा इन्हें टॉयलेट सोप क्यूँ लिखा गया है? जबकि टॉयलेट को प्रचलित तौर पर शौचालय या पाख़ाना बोला जाता है।

तो इस हिसाब से तो यह साबुन सिर्फ़ शौच क्रिया के पश्चात, या शौचालय की साफ़ सफ़ाई में ही उपयोग में लिया जाना चाहिए।

पर हम तो इसे नहाने वक्त शरीर की सफ़ाई के लिए प्रयोग में लेते हैं।

तो हम सबके दिमाग़ में यह प्रश्न उठना लाज़िमी है कि कम्पनियाँ इन्हें सिर्फ़ टॉयलेट सोप के तौर पर ही क्यूँ प्रचारित कर रहीं हैं? टॉयलेट सोप की जगह बाथ सोप क्यूँ नहीं लिखतीं?

दुनिया में किस धर्म के कितने लोग हैं?

इसका जवाब यह है कि टॉयलेट को शौच से जोड़ना ही इस शब्द का एकमात्र अर्थ नहीं है।

चूँकि टॉयलेट अंग्रेज़ी भाषा का शब्द है तो अंग्रेज़ी भाषा के शब्दकोशों के मुताबिक़ टॉयलेट शब्द के दो अन्य अर्थ और होते हैं। जो कि सफ़ाई और सँवरने से तालुक्क रखते है।

यह सफ़ाई सँवरने वाला अर्थ आपको सभी शब्दकोशों में समान रूप से दिखायी देगा, फिर चाहे वो ऑक्स्फ़र्ड डिक्शनेरी हो या केम्ब्रिज।

9000 साल पहले लड़कियां कैसी दिखती थी?

मेरीअम वेब्स्टर डिक्शनेरी का भी उदाहरण लें तो उसमें टॉयलेट का शौचालय के अलावा निम्नांकित अर्थ दे रखा है। पठन की सुविधा के लिए इन अन्य अर्थों को पीले रंग में प्रकाशित कर दिया है।

इस डिक्शनेरी में पहले नम्बर पर टॉयलेट का मुख्य अर्थ शौचालय के आशय वाला, और दूसरे नम्बर पर अर्थ दे रखा है कि कपड़े पहनने और खुद को संवारने की क्रिया या प्रक्रिया

और तीसरे नम्बर पर कहा गया है एक चिकित्सा या शल्य चिकित्सा की तैयारी में की जाने वाली सफाई

ऐसी कौन सी चीज़ है जो 100 अंडो से भी ज्यादा ताकत देती है?

बाद की इन दोनों परिभाषाओं को सामान्य शब्दों में कहा जाए तो टॉयलेट का एक अन्य अर्थ सफ़ाई करना और संवरना है।

ठीक इसी संदर्भ में देखें तो टॉयलेट से बना हुआ, अंग्रेज़ी भाषा का एक और शब्द टॉयलेट्री (Toiletry) है।

टॉयलेट्री का अर्थ “साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, फ़ेस वाश, बॉडी वाश, शेविंग क्रीम, आदि इत्यादि चीज़ें हैं जो हम ख़ुद की साफ़ सफ़ाई और सँवरने के काम में लेते हैं।

चूँकि इसी तरह से नहाने के साबुन का मुख्य प्रयोग, कीटाणुओं और गंदगी से मुक्त करने के लिए शरीर की सफ़ाई करना और साफ़ किए गए अंगों को संवारना और महकाना है, तो नहाने के साबुन पर टॉयलेट सोप लिखना उपयुक्त जान पड़ता है।

इसलिए बाज़ार में मौजूद नहाने के साबुनों में क़रीब नब्बे प्रतिशत उत्पादों पर हमें टॉयलेट सोप लिखा हुआ दिखायी देता है।[1] जिसमें लक्स, डेट्टाॅल, गोदरेज, संतूर, लिरिल, लाइफ़बाॅय, सिन्थाॅल, मार्गो आदि हैं।

पर सभी नहाने के साबुनों पर टॉयलेट सोप नहीं लिखा हुआ होता है। कुछ साबुन ऐसे भी हैं जिन पर बाथ सोप या बाथिंग बार लिखा होता है। (Bath Soap or Bathing Bar)

टॉयलेट सोप Vs बाथिंग बार (Toilet Soap Vs. Bathing Bar) में क्या अंतर है?[2]

टॉयलेट सोप और बाथ सोप में फ़र्क़ है। यह ओर बात है कि इन्हें सामान्यतया एक ही माना जाता है।

कुछ नहाने के साबुनों को बाथ सोप कहने का कारण एक तकनीकी शब्द है, वो शब्द है उनकी टीएफएम वैल्यू (TFM- Total Fatty Matter – टोटल फ़ैटी मैटर)।

यह TFM वैल्यू ही निर्धारित करती है कि किस साबुन को टॉयलेट सोप कहा जाएगा ऐंव किस साबुन को बाथ सोप?

बाथ सोप की TFM वैल्यू, टॉयलेट सोप से काफ़ी कम होती है।

TFM की परिभाषा पर अपने आप में एक अलग विस्तृत जवाब लिख सकते हैं। पर इसे कम शब्दों में समेटने का प्रयास करूँगा।

टीएफएम (TFM)

साबुनों में TFM वैल्यू प्रतिशत में व्यक्त की जाती है। नहाने के किसी भी साबुन को ख़रीदने से पहले उसकी TFM वैल्यू जान लेनी चाहिए। यह साबुन की क्वॉलिटी बताता है।

भारत में ब्युरो ऑफ़ इंडीयन स्टैंडर्ड्स् (BIS – Bureau of Indian Standards) साबुनों की गुणवत्ता TFM में नापता है। TFM की तीन ग्रेड होती हैं।

  1. 76% या ऊपर वैल्यू वाले साबुन ग्रेड-1 यानी सर्वोच्च गुणवत्ता में रखे जाते हैं।
  2. 70% ऊपर वैल्यू वाले साबुन ग्रेड-2 यानी अच्छी गुणवत्ता में रखे जाते हैं।
  3. 60 % या ऊपर वैल्यू वाले साबुन ग्रेड-3 यानी मध्यम गुणवत्ता में रखे जाते हैं।

सामान्य शब्दों में ये जान लीजिए कि एक साबुन में TFM का प्रतिशत जितना ज़्यादा होता है वो शरीर की साफ़ सफ़ाई के साथ साथ, त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए उतना ही अच्छा माना जाता है। यह प्रतिशत साबुन पैकिंग के प्रष्ठ भाग पर अंकित होता है। उदाहरण के तौर पर सिन्थोल (Cinthol) साबुन के रैपर की तस्वीर देखते हैं, साबुन जिसकी TFM वैल्यू 79% है।

तस्वीर में उल्लेखित है “Toilet Soap Grade 1, TFM 79%”

इसका साफ़ मतलब है कि सिन्थाॅल साबुन अपनी 79% TFM वैल्यू के कारण एक उच्च गुणवत्ता वाला साबुन है।

नीचे दिए गए चार्ट से जानते हैं कि TFM वैल्यू की रैंकिंग के हिसाब भारत के टॉप साबुन कौनसे हैं। ये सभी टॉयलेट सोप हैं।

मैसूर संडल साबुन 80% TFM वैल्यू के साथ भारतीय बाज़ार सबसे अच्छा साबुन है। उपरोक्त चार्ट में 60% TFM वैल्यू तक वाले साबुनों को जगह दी गयी है और हैरानी की बात है कि देश के कुछ इलाक़ों में सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध लाइफ़बाॅय साबुन इस लिस्ट में सबसे नीचे पायदान पर है।

और जिस नहाने के साबुन की TFM वैल्यू 60% से कम होती है, उसे बाथ सोप या बाथिंग बार कहा जाता है। अगर कोई कम्पनी अपने साबुन के रैपर पर बाथ सोप या बाथिंग बार लिख रही है तो उसे TMF वैल्यू लिखने की अनिवार्यता नहीं है, यह मान लिया जाता है कि वो 60% TMF वैल्यू से कम है।

सरल शब्दों में कहा जाए तो सरकारी नियमों के अनुसार यह ज़रूरी है कि 60% TFM वैल्यू या इससे ऊपर वैल्यू के साबुनों को टॉयलेट सोप के तौर पर ही विज्ञापित किया जा सकता है, कोई भी कम्पनी इन्हें बाथ सोप लिख कर प्रचारित नहीं कर सकती है।

भारतीय बाज़ार में महज़ चंद साबुन ही बाथ सोप के तौर पर विज्ञापित किए जाते हैं।

डव साबुन ऐसा ही एक उत्पाद है। जो टॉयलेट सोप की श्रेणी में नहीं आता पर फिर भी वो विशेष तौर पर नहाने के साबुन के तौर पर विज्ञापित किया जाता है। आप देखेंगे कि डव की पैकिंग में सामने की तरफ़ ही “ब्यूटी बाथिंग बार” लिखा हुआ होता है।

इसका तात्पर्य यह हुआ कि डव साबुन की TFM वैल्यू 60% से कम है। डव कम्पनी का साबुन त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए तो अच्छा है, पर साफ़ सफ़ाई के लिए उतना उपयुक्त नहीं है। कम्पनी ने साबुन को मुख्यतः त्वचा की कोमलता बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया है, और बहुत ही कम मात्रा में सफ़ाई के उदेश्य से बनाया है। अतः डव साबुन टॉयलेट सोप नहीं है और ना ही कम्पनी इसके टॉयलेट सोप होने का दावा कर सकती है।

पीयर्स कम्पनी का साबुन भी इसी श्रेणी में आता है। बाथ सोप में एक विशेष बात यह भी होती है कि यह अन्य नहाने की साबुनों की तुलना में जल्दी गलते हैं। डव और पीयर्स बाथिंग बार सिर्फ़ उन्हीं लोगों के लिए उपयुक्त हैं जिनकी त्वचा सूखी है। अन्य सभी लोगों को टॉयलेट सोप प्रयोग में लेना चाहिए जिसकी TFM वैल्यू अधिक हो।


आशा है कि आपको टॉयलेट सोप और बाथ सोप में फ़र्क़ पता पड़ा होगा और आप को साबुन की अगली ख़रीदारी करने से पहले TFM वैल्यू कितना मायने रखती है, उसकी भी जानकारी हुई होगी।

इति।

क्या आप सोना (Gold) बनाने का रहस्यमय तरीका जानते हैं?

पीपल के अलावा कौन-कौन से वृक्ष रात को ऑक्सीजन छोड़ते हैं?

4 thoughts on “नहाने के साबुन पर टॉयलेट सोप क्यों लिखा हुआ होता है?

  1. This is really interesting, You’re a very skilled blogger.

    I’ve joined your feed and look forward to seeking more of your excellent post.

    Also, I’ve shared your site in my social networks!

  2. If some one needs expert view concerning blogging afterward i propose him/her to go to
    see this webpage, Keep up the pleasant job.

  3. आप के विचार से मुझे बहुत अच्छी जानकारी मिली ,मैं आरसीएम बिजनेस का डायरेक्ट सेलर हूंँ, और अपनी जानकारी को बढ़ाने का प्रयास करता हूँ, आपने साबुन की इतनी गहरी जानकारी दी है जिसकी वजह से मैं अपने लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करूँगा,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *