नई दिल्ली, एजेंसियां : कोरोना वायरस की चपेट में आए चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया के 423 सीटर बोइंग 747 विमान को भेजा गया है। लगभग 400 भारतीयों को लेकर यह जंबो विमान शनिवार तड़के वापस भी आ जाएगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से फोन पर बात की और भारतीयों की वापस में सहयोग के लिए उनका आभार जताया।
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कोरोना वायरस क्या है?
सार्स (SARS) वायरस परिवार का एक नया सदस्य कोरोना वायरस है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, यह वाइरस सी-फूड से जुड़ा है. कोरोना वायरस एक ऐसा वायरस है जो सामान्य सर्दी से शुरू होने वाली बीमारी पैदा करता है.
कोरोना वायरस के लक्षण
कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द, जुकाम, खांसी और बुखार होता है. यह बुखार फिर निमोनिया का रूप ले लेता है, जो कि किडनी से जुड़ी बहुत सारी परेशानियों को बढ़ा देता है.
कोरोना वायरस से लगभग 10,000 लोग संक्रमित
डब्लूएचओ ने आधिकारिक पुष्टि करते हुए कहा है कि अभी तक चीन से निकले कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में करीब-करीब 10,000 लोग संक्रमित हो चुके हैं. इसके अतिरिक्त इस महामारी के कारण से सिर्फ चीन में ही 213 लोगों की मौत हो चुकी है. डब्लूएचओ इस भयानक वायरस से लड़ने हेतु जल्द से जल्द टीके तैयार करने के काम में जुट गया है.
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट से यह विमान दोपहर एक बजकर 20 मिनट पर उड़ा। पहले इसे साढ़े बारह बजे ही उड़ना था, लेकिन कुछ औपचारिकताओं के पूरा नहीं होने से उड़ान में देरी हो गई।
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इस विमान के रवाना होने के बाद एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि वुहान से और भारतीय नागरिकों को लाने के लिए शनिवार को भी एक विमान भेजा जा सकता है। शुक्रवार को भेजे गए विमान के बारे में प्रवक्ता ने बताया कि इसमें राम मनोहर लोहिया अस्पताल के पांच डॉक्टर और एक पैरामेडिकल स्टाफ भी है। इसके अलावा विमान में जरूरी दवाइयां, मास्क, ओवरकोट, डिब्बा बंद भोजन के पैकेट भी रखे गए हैं। इस विमान में इंजीनियरों और सुरक्षाकर्मियों की टीमें भी हैं। इस पूरे बचाव अभियान का नेतृत्व एयर इंडिया के निदेशक (ऑपरेशन) कैप्टन अमिताभ सिंह कर रहे हैं। विमान में चालक दल के पांच और 15 केबिन क्रू के सदस्य हैं।
एयर इंडिया के चेरयमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि विमान में किसी तरह की सर्विस नहीं प्रदान की जाएगी। खाने के पैकेट सभी सीट के पॉकेट में रख दिए जाएंगे। केबिन क्रू और यात्रियों के बीच किसी तरह की बातचीत भी नहीं होगी। चालक दल और अन्य सदस्यों को संक्रमण से बचाने के लिए भी पर्याप्त उपाय किए गए हैं। यह विमान वुहान एयरपोर्ट पर मुश्किल से दो से तीन घंटे ही रहेगा।
केरल की पीड़िता को मेडिकल कॉलेज में भेजा गया : कोरोना वायरस से पीड़ित केरल की छात्र को त्रिशूर में सरकारी अस्पताल से मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। यह छात्र वुहान विश्वविद्यालय में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। केरल सरकार ने उन परिवारों से शादी समारोह जैसे आयोजन टालने को कहा है, जिनका कोई सदस्य चीन से लौटा है।
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भारत में केरल में कोरोना वायरस के पहले मरीज की पहचान की गई है. मरीज एक छात्र है जो चीन के वुहान यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा था. जांच में मरीज कोरोना वायरस के लिए सकारात्मक पाया गया है और उसे अस्पताल में एक अलग विशेष कक्ष में रखा गया है. मरीज की स्थिति फिलहाल स्थिर है तथा उसकी कड़ी निगरानी की जा रही है.
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दिल्ली में भी इसके कुछ संदिग्ध मरीज मिले हैं. देश के लगभग 21 हवाई अड्डों पर चीन और हॉन्गकॉन्ग से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. इसके साथ ही चीन में फंसे भारतीयों को निकालने की तैयारी भी की जा चुकी है.
चीन से लोगों को लाने के लिए भारत ने भेजा बोइंग
मध्य चीन के वुहान शहर से अब तक 23 देशों में फैल चुकी है यह महामारी
बीजिंग, एजेंसियां : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन से पूरी दुनिया में फैल रहे कोरोना वायरस पर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। महामारी का केंद्र माने जा रहे मध्य चीन के वुहान शहर से 23 देशों में वायरस पहुंच चुका है। चीन में इस रहस्यमय वायरस से मरने वालों की संख्या 213 हो गई है। जान गंवाने वालों में ज्यादातर बुजुर्ग बताए जा रहे हैं। संक्रमित लोगों का आंकड़ा बढ़कर दस हजार के करीब पहुंच गया है।
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जेनेवा में गुरुवार को बैठक के बाद डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के प्रकोप को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया। इस कदम से वायरस से मुकाबले में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ जाएगा। जबकि चीनी विदेश मंत्रलय की प्रवक्ता हुआ चुन¨यग ने कहा, ‘सरकार जिम्मेदारी के साथ रोकथाम के व्यापक उपाय अपना रही है। हमें पूरा यकीन है कि हम इस महामारी के खिलाफ जंग जीत लेंगे।’
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चार्टर्ड विमानों से निकाले जाएंगे विदेशी : चीन के विदेश मंत्रलय ने शुक्रवार को कहा, ‘वुहान समेत हुबेई प्रांत में फंसे विदेशी नागरिकों को चार्टर्ड विमानों से उनके देश भेजा जाएगा।’ वायरस के प्रसार को रोकने के प्रयास में कई विदेशी एयरलाइंस ने चीन की उड़ानें बंद कर दी हैं। इसी के मद्देनजर चीन ने यह एलान किया है।
अमेरिका ने अपने नागरिकों को किया आगाह : अमेरिका ने चीन की यात्र करने को लेकर अपने नागरिकों को आगाह किया है। विदेश विभाग ने एक एडवाइजरी में कहा, ‘कोरोना वायरस के चलते चीन की यात्र ना करें।’
चीन के हुबेई प्रांत के सर्वाधिक प्रभावित वुहान शहर में कोरोना वायरस से पीड़ितों का इलाज करने के लिए बनाए जा रहे अस्पताल का काम अंतिम चरण में है। 1000 बेड के इस अस्पत् ाल के निर्माण में हजारों की संख्या में इंजीनियरों और कामगारों की टीमें जुटी हुई हैं। रायटर
इंडोनेशिया में 40 हजार से ज्यादा श्रमिक कैद
जकार्ता, एएफपी : इंडोनेशिया में कोरोना वायरस को लेकर इस कदर भय का माहौल बन गया है कि चीन नियंत्रित एक औद्योगिक परिसर में करीब 43 हजार श्रमिकों को बंद कर दिया गया है। पीटी इंडोनेशिया मोरोवाली इंडस्टियल पार्क ने सुलावेसी द्वीप पर स्थित अपने निकल माइनिंग हब को सील कर दिया है। स्टाफ बगैर अनुमति परिसर से बाहर नहीं जा सकेंगे। वहां करीब पांच हजार चीनी श्रमिक भी हैं। यह परिसर पांच हजार एकड़ में फैला है।
4एयर इंडिया के 423 सीटर विमान में डॉक्टर और जरूरी दवाइयां भी
4लगभग 400 लोगों को लेकर शनिवार तड़के लौट आएगा विमान
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अपने छात्रों को नहीं निकालेगा पाकिस्तान
इस्लामाबाद, आइएएनएस : दुनिया के कई देश जहां चीन के वुहान शहर से अपने नागरिकों को निकाल रहे हैं, वहीं पाकिस्तान ने साफ कर दिया है कि वह अपने नागरिकों को नहीं निकालेगा। इनमें ज्यादातर छात्र बताए जा रहे हैं। वुहान के विश्वविद्यालयों में करीब 500 पाकिस्तानी छात्र पढ़ते हैं। एक्सप्रेस टिब्यून अखबार के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक जफर मिर्जा ने कहा, ‘हमारा मानना है कि यह हमारे सदाबहार मित्र चीन के हित में है। यह दुनिया, क्षेत्र और मुल्क के व्यापक हित में है और हम उन्हें नहीं निकालेंगे।’
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चीन से आने वाले भारतीयों के लिए आइसोलेशन सेंटर तैयार
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: कोरोना से प्रभावित चीन से लाए जाने वाले भारतीयों को कुछ दिनों तक अलग-थलग रखने (आइसोलेशन सेंटर) के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। आइटीबीपी ने छावला कैंप में 600 बिस्तरों और सेना ने मानेसर में 300 विस्तरों का आइसोलेशन सेंटर बनाया है। यहां लोगों को 14 दिनों तक विशेषज्ञ डाक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा। इसके अलावा सफदरजंग अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट तैयार है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल (ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी) घोषित कर दी है। आइए जानते हैं कि यह अंतरराष्ट्रीय संगठन किन हालातों में इस स्थिति की घोषणा करती है?
4दुनियाभर के देशों को मिलकर उस बीमारी से बचाव और उसे फैलने से रोकने के उपाय करने होते हैं।
4इसके लिए डब्ल्यूएचओ के पास आकस्मिक फंड होता है, जिसका इस्तेमाल प्रभावित इलाकों में किया जाता है। फिलहाल कोरोना वायरस से निपटने के लिए 18 लाख डॉलर का फंड है।
4मल्टी डायरेक्शनल रिस्पॉन्स के जरिए संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोका जाता है।
4डब्ल्यूएचओ के गाइडलाइन में सफर को लेकर नियम कायदे भी शामिल हैं। हालांकि इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं किया जाता।
4प्रभावित इलाकों के बॉर्डर एरिया और अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है ताकि वायरस के असर वाले लोगों की पहचान करके उनके अलग रहने की व्यवस्था की जाए।
4डब्ल्यूएचओ के सभी 196 सदस्य देश प्रोटोकॉल और गाइडलाइन को फॉलो करते हैं।
घोषणा की वजह
जब दुनिया में किसी बीमारी के चलते ऐसी परिस्थिति पैदा हो जाती है जिसके चलते दूसरे देशों के नागरिकों में इसके संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है तो आपातकाल की घोषणा की जाती है।
इबोला 2014, 2019
इबोला वायरस के चलते पहली बार स्वास्थ्य आपातकाल 2014 से 2016 के बीच घोषित किया गया। इस दौरान पश्चिमी अफ्रीका में इससे ग्यारह हजार लोगों की मौत हो गई। दूसरी बार बीते साल भी आपातकाल घोषित किया गया।
4स्वाइन फ्लू, 2009: एन1एच1 वायरस 2009 में विश्व भर में फैला। करीब दो लाख की मौत हुई थी।