स्कूल के दिनों में सिखाया जाता है की
साबरमती के संत दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल.
- लेकिन क्या सच में गाँधी के लाठी और चरखा चलाने से ही अंग्रेज भारत छोडकर चले गये थे ?
- इसकी पोल NSA ने अपने 2013 के एक भाषण में खोल दी थी और उन्होंने बताया की भारत की आजादी के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे एटली ने खुद ये बात बोली की
सन्दर्भ
हम नेताजी सुभाष और उनकी आजाद हिन्द फ़ौज के कारण भारत छोड़ने को मजबूर हुए
लेकिन क्या NSA डोभाल की बात में कोई दम है , इसके लिए मैंने आजादी के समय के अखबारों को पढ़ा तो पता चला की पूरे भारत में भारतीय सेना अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह कर रही थी यहाँ तक की नौसेना भी इस विद्रोह में शामिल थी ,और पहली बार यह हुआ की भारतीय सैनिक अपने सीनियर अंग्रेज अधिकारियो के आदेश नही मान रहे थे उनको बंधक बना रहे थे
ये उस समय के अखबारों की खबर पढ़िए
लेकिन इसी दौरान मुझे भीमराव अम्बेडकर का बीबीसी को दिया इंटरब्यू देखा
- उनसे एंकर पूछता है आप को क्या लगता है अंग्रेज भारत क्यों छोडकर गये
- अम्बेडकर साफ़ बोलते है नेताजी बोस और आजाद हिन्द फ़ौज के कारण ब्रिटिश सेना में शामिल भारतीय सैनिको द्वारा विद्रोह कर देना ही भारत की आजादी का कारण
- साथ ही वो ये भी जोड़ते है की ब्रिटिश प्रधनमंत्री एटली एक दिन अपनी आत्मकथा में ये स्वीकार भी करेगे , आप सीधे 3:22 मिनट पर जाकर ये बात सुन सकते है ।
संदर्भ
लेकिन हम अम्बेडकर जी की बात पर इतना भरोसा क्यों करे ?
इसके लिए हमे ये जानना होगा की अम्बेडकर जी का परिवार सेना से ही था, पहले महार लोग छत्रपति शिवाजी की सेना लड़ते थे बाद के समय में जब पेशवाओ का समय आया तो महारों और पेशवाओ में मनमुटाव हो गया , बाद मे अंग्रेजो के लिए लड़ने लगे , बाद में अंग्रेजो ने सेना में महारों की भर्ती बंद कर दी इसके लिए वो एक क़ानून “मार्शल रेस” लाये थे लेकिन फिर विश्व युद्ध और पहले गोखले फिर अम्बेडकर के प्रयासों के कारण महारों की भर्ती सेना में शुरू हुई
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इस दौरान अम्बेडकर वायसराय की रक्षा कमेटी में रक्षा सलहाकार थे
तो मतलब साफ़ है की उन्हें अच्छे से पता था की सेना में विद्रोह ही असली कारण था अंग्रेजो का भारत छोडकर जाने का ना की चरखा या लाठी चलना।
ये मार्शल रेस वाली बात काफी मजेदार है अगर याद रहा तो जल्द ही इसपे लिखूँगा ।
उम्मीद है आप को सेना में विद्रोह , फिर अंग्रेजो का भारत छोड़ना और अम्बेडकर को नेताजी सुभाष को आजादी का श्रेय देना और फिर NSA डोवाल का उस समय के ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली का चीफ जस्टिस को बोली गयी बात इन सब में एक क्रोनोलोजी समझ आयी होगी
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