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Co-WIN पर रजिस्ट्रेशन के बाद ही लगेगी वैक्सीन

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सरकार का ऑफिशियल ऐप अभी आया ही नहीं; उस पर रजिस्ट्रेशन के बाद ही लगेगी वैक्सीन

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Cowin app download
Co-Win app downlaod

कोविड-19 महामारी के वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने को-विन (Co-WIN) ऐप लॉन्च करने की बात कही है। लेकिन, ऐप की ऑफिशियल लॉन्चिंग से पहले ही गूगल प्ले स्टोर पर Co-WIN नाम के कई ऐप्स दिख रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद Co-WIN ऐप्स को डाउनलोड ना करें। ये फर्जी ऐप्स हैं, जो आपकी पर्सनल जानकारी चोरी कर सकते हैं।

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उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि सरकार ने फिलहाल ऑफिशियल Co-WIN ऐप लॉन्च नहीं किया है। ऐसे में इस नाम के किसी भी ऐप को डाउनलोड न करें। ऐप लॉन्च करते समय इसकी जानकारी दी जाएगी।

Some apps named “#CoWIN” apparently created by unscrupulous elements to sound similar to upcoming official platform of Government, are on Appstores.

DO NOT download or share personal information on these. #MoHFW Official platform will be adequately publicised on its launch.— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) January 6, 2021

क्या है Co-WIN ऐप?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन के लिए Co-WIN ऐप तैयार किया है। इसकी मदद से वैक्सीन डिलीवरी की रियल टाइम मॉनिटरिंग में मदद मिलेगी। ऐप के जरिए सरकार वैक्सीनेशन करा चुके लोगों का डेटा सुरक्षित रख पाएगी। इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा।

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Co-WIN (कोविड-19 वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क), eVIN (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) का अपग्रेडेड वर्जन है। एप्लिकेशन का काम पूरा होने के बाद इसे गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर पर यूजर्स को फ्री में उपलब्ध कराया जाएगा।

Co-WIN ऐप पर रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस

लोग फिलहाल तो ऐप इन्स्टॉल नहीं कर पाएंगे, लेकिन लॉन्चिंग के बाद इसके रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस कुछ इस तरह की होगी..

  • Co-WIN की ऑफिशियल वेबसाइट पर सेल्फ रजिस्ट्रेशन के लिए फोटो और आईडी की जरूरत होगी।
  • आईडी में वोटर आईडी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और पेंशन डॉक्युमेंट का इस्तेमाल कर पाएंगे।
  • रजिस्ट्रेशन के दौरान अपने मोबाइल नंबर की जानकारी भी देनी होगी।
  • रजिस्ट्रेशन होते ही SMS के जरिए वैक्सीनेशन की डेट, टाइम और जगह दी जाएगी।

12 भाषाओं में भेजे जाएंगे SMS

वैक्सीनेशन का इंतजार कर रहे लोगों को जानकारी देने के लिए 12 भाषाओं में SMS भेजे जाएंगे। वैक्सीन लगवाकर एक QR कोड सर्टिफिकेट भी मिलेगा जिसे मोबाइल में स्टोर करके रखा जा सकता है। QR कोड बेस्ड सर्टिफिकेट को स्टोर करने के लिए सरकार के डॉक्यूमेंट स्टोरेज ऐप ‘डिजीलॉकर’ को इंटीग्रेट किया जा सकता है। इसके साथ 24×7 की सुविधा भी मिलेगी।

3 फेज में होगा वैक्सीनेशन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि कोरोना वैक्सीन लोगों को 3 फेज में लगाई जाएगी। इनमें पहले फेज में सभी फ्रंटलाइन हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को शामिल किया गया है। दूसरे फेज में आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों शामिल हैं। आखिर में गंभीर स्थिति वाले लोगों को टीका लगाया जाएगा।

Co-WIN ऐप में 5 मॉड्यूल

इस ऐप से वैक्सीनेशन की प्रोसेस, एडमिनिस्ट्रेटिव एक्टिविटीज, टीकाकरण कर्मियों और उन लोगों के लिए एक मंच की तरह काम करेगा, जिन्हें वैक्सीन लगाया जाना है। इसमें 5 मॉड्यूल दिए हैं। जिसमें प्रशासनिक मॉड्यूल, रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, वैक्सीनेशन मॉड्यूल, लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और रिपोर्ट मॉड्यूल शामिल है।

  • प्रशासनिक मॉड्यूल: वे लोग जो वैक्सीनेशन इवेंट का संचालन करेंगे। इस मॉड्यूल के जरिए वे सेशन तय कर सकते हैं, जिसके जरिए टीका लगवाने के लिए लोगों और प्रबंधकों को नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी मिलेगी।
  • रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल: उन लोगों के लिए होगा जो टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे।
  • वैक्सीनेशन मॉड्यूल: उन लोगों की जानकारियां वेरिफाई करेगा, जो टीका लगवाने के लिए अपना रजिट्रेस्शन करेंगे और इस बारे में स्टेटस अपडेट करेगा।
  • बेनिफिशियल अप्रूवल मॉड्यूल: इसके जरिए टीकाकरण के लाभान्वित लोगों को मैसेज भेजे जाएंगे। इससे QR कोड भी जनरेट होगा और लोगों को वैक्सीन लगवाने का ई-सर्टिफिकेट भी मिलेगा।
  • रिपोर्ट मॉड्यूल: इसके जरिए टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट तैयार होंगी। जैसे, टीकाकरण के कितने सेशन हुए, कितने लोगों को टीका लगा, कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन के बावजूद टीका नहीं लगवाया आदि।
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मेडिकल और फ्रंटलाइन वर्कर्स को रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं

सरकार ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों और मेडिकल फ्रंटलाइन वर्कर्स का डाटा Co-WIN ऐप पर अपलोड किया जा रहा है। इन लोगों को रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने ऐप के सॉफ्टवेयर को चेक करने के लिए अलग-अलग स्तर पर कई बार रिहर्सल की है। 700 जिलों में 90 हजार से ज्यादा लोगों को सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई है।

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