What is a "white torture"?

“व्हाइट टॉर्चर” किसे कहते हैं?

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सोचिये क्या हो यदि आप को सजा के तौर पर एक ऐसे कमरे में जाना पड़े जहां ना कोई रंग हो ना कोई आवाज ना किसी बाहरी व्यक्ति से संपर्क और ऐसे में आपको कई वर्षों तक रहना होगा वाजिब सी बात है कि आपका दिमागी संतुलन हिल जाएगा वाइट टॉर्चर तकनीक भी कुछ इसी प्रकार है—

सफेद यातना, जिसे अक्सर “व्हाइट रूम टॉर्चर” कहा जाता है, एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक यातना तकनीक है जिसका उद्देश्य है किसी भी कैदी को दुनिया से, रंगों से ,स्वाद से ,बाहरी संपर्क से वंचित कर दिया जाए इसके तहत—

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एक कैदी को एक सेल में रखा जाता है जहाँ उन्हें सभी इंद्रियों और पहचान से वंचित करता है। यह विशेष रूप से ईरान में उपयोग किया जाता है; हालाँकि, संयुक्त राज्य अमेरिका, वेनेजुएला, आयरलैंड और यूरोप के अन्य हिस्सों में इसके उपयोग के प्रमाण भी हैं।

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नेत्रहीन, कैदी सभी रंग से वंचित है उनकी कोशिका पूरी तरह से सफेद है: दीवारें, फर्श और छत, साथ ही उनके कपड़े और भोजन । नियॉन ट्यूब्स को ऑक्यूपेंट के ऊपर स्थित किया जाता है, यह एक ऐसा तरीका है, जिसमें कोई भी छाया नहीं होती है।

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और तो और यह कमरे पूर्ण रूप से सफेद होने के साथ ही ध्वनिरहित भी होते हैं । यहां पर आवाज करना बिल्कुल मना होता है यहां तक कि गार्ड भी गद्देदार जूते पहनता है ताकि कोई आवाज ना आए इससे कैदी पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है।खाने में कैदी को सफेद भोजन खिलाया जाता है उदाहरण के लिए बेमेल सफेद चावल ताकि उन्हें स्वाद का पता न चले।

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जासूसों को अक्सर महीनों, या वर्षों तक ऐसे वाइट टॉर्चर रूम में रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि सालों तक बिना बाहरी लोगों के संपर्क के सफेद रंग के कमरे में सफ़ेद चीज़ों के साथ रहने से, सफेद खाना खाने से उनकी मति भ्रष्ट हो जाती है तथा उनका दिमागी संतुलन हिल जाता है और वह अपनी याददाश्त खो बैठते हैं।।

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उपयोग के आरोप—ईरान

ईरान में राजनीतिक बंदियों पर सफ़ेद यातना ( फ़ारसी : شكنجه سفيد ) का प्रचलन है। अधिकांश राजनीतिक कैदी जो इस प्रकार की यातना का अनुभव करते हैं, वे पत्रकार हैं जिन्हें एविन जेल में रखा जाता है ।

२००४ में कई महीने तक ईरानी कैदी  को [एविन जेल में] यातनाएं दी गईं। उनके पास अब भी सफेद कमरे में अपने समय की भयावहता है। हादी ग़मी के अनुसार, एविन में ऐसी यातनाएँ आवश्यक रूप से ईरानी सरकार द्वारा सीधे अधिकृत नहीं हैं।

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इसमें लंबे समय तक एकांत कारावास शामिल हो सकता है, नींद से वंचित करने के लिए निरंतर रोशनी का उपयोग ( बेसिक ह्यूमन राइट्स, 1949 पर जिनेवा कन्वेंशन में सूचीबद्ध ) अक्सर जेल अधिकारियों के नियंत्रण से बाहर हिरासत केंद्रों में होता है, जिसमें एविन जेल की धारा 199 भी शामिल है।

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ईरान ने कई बार व्हाइट टॉर्चर तकनीक का प्रयोग अपने खिलाफ उठी आवाज को दबाने के लिए किया है जिसे हमेशा वह नकारता आया है। खास तौर पर मीडिया कर्मियों को ऐसी सजा दी जाती थी ताकि वह सब कुछ भूल जाएं और उनका दिमागी संतुलन हिल जाए। वहां खाने की प्लेट से लेकर बाथरूम तक सब सफेद होता था और उन्हें प्रताड़ित किया जाता था।

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वाइट रूम टॉर्चर तकनीक बेहद प्रभावी थी जिस कारण उसका उपयोग किया जाता रहा था।।

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