Paytm को Google ने किस बात की दी ‘सजा’, फिर कैसे Play Store पर वापस लौटी ऐप
गूगल (Google) ने शुक्रवार को अपने Play Store से भारत के सबसे लोकप्रिय फिनटेक एप्लिकेशन पेटीएम (Paytm) को हटा दिया था. हालांकि प्ले स्टोर (Google Play Store) पर कुछ ही घंटों के बाद पेटीएम को रीस्टोर कर दिया गया. इस पूरे वाक्या ने पेटीएम यूजर की धड़कनों को बढ़ा दिया था. पेटीएम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्ले स्टोर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने प्लैटफॉर्म से ‘कैशबैक कंपोनेंट’ (cashback component) को हटा दिया था, जिसके बाद ही इसकी स्टोर पर वापसी हुई.
प्ले स्टोर से क्यों हटा Paytm
गूगल प्ले स्टोर ने पेटीएम ऐप को इसके जरिए गैंबलिंग (जुआ खेलने वाले) के आरोप में अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया था. गूगल प्ले स्टोर का कहना था कि वो गैंबलिंग ऐप का समर्थन नहीं करता है और जुए से जुड़ी उसकी नीतियों का उल्लंघन करने की वजह से पेटीएम को हटाया गया था.
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गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में बताया कि अगर कोई ऐप यूज़र को बाहरी (external) वेबसाइट की ओर ले जाता है जो उन्हें असली पैसे या नकद पुरस्कार जीतने के लिए भुगतान किए गए टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति देता है, तो ये उसकी पॉलिसी का उल्लंघन है.
कैशबैक है वजह?
दरअसल पेटीएम ने बताया था कि हाल ही में कंज्यूमर ऐप पर ‘Paytm Cricket League’ को लॉन्च किया था. ये गेम ग्राहकों को क्रिकेट के प्रति जुनून में इंगेज होने और कैशबैक जीतने के लिए था. इस गेम के तहत यूजर्स हर ट्रांजैक्शन के लिए खिलाड़ियों के स्टीकर्स प्राप्त करते हैं. इसे कलेक्ट करने के बाद उन्हें कैशबैक मिलता है.
इसके अलावा ये भी बताया कि पेटीएम को गूगल की तरफ से जानकारी दी गई थी कि गैंबलिंग संबंधी कुछ नियमों के उल्लंघन के आरोप में प्ले स्टोर से ऐप को हटाया जा रहा है. इस वजह से पेटीएम एंड्रॉयड ऐप को गूगल प्ले स्टोर से अनलिस्ट कर दिया गया था.
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उद्योग के सूत्रों ने बताया कि गूगल ने इसका नाम लिए बिना सीधे पेटीएम फर्स्ट गेम्स की ओर संकेत कर रहा है, जो Dream 11, HalaPlay, मोबाइल प्रीमियर लीग और कई अन्य जैसे फैंटेसी गेमिंग प्लेटफार्मों के लिए चुनौती है. हालांकि, पेटीएम फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने CNBCTV18 से बात की और कहा कि समस्या पेटीएम द्वारा कैशबैक के रूप में दिए गए क्रिकेट स्टिकर में थी.
Google ने कहा कि उन्होंने कई बार पेटीएम डेवलपर्स के साथ इन चिंताओं को साझा किया था. वहीं Vijay Shekhar Sharma ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि 18 सितंबर की दोपहर में सिर्फ एक पत्र जारी किया गया था और उसी दिन स्टोर से ऐप को हटा दिया गया था. शर्मा ने बताया कि Google द्वारा पहले पेटीएम फर्स्ट गेम्स के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए तीन पत्र जारी किए गए थे, जिनका अलीबाबा और सॉफ्टबैंक समर्थित कंपनी द्वारा पालन किया गया है.
शर्मा का आरोप है कि गूगल ने अपने पेमेंट्स बिज़नेस को बढ़ाने के लिए अपने पावर का दुरुपयोग किया है और अनुचित तरीके से ग्राहकों को अपनी ओर खींचने की कोशिश की.
शर्मा ने कहा कि उनकी कंपनी ने कुछ भी गलत काम नहीं किया है. उन्होंने पेटीएम को 30 करोड़ से ज़्यादा ग्राहकों को भरोसा दिया कि उनका पैसा पूरी तरह सेफ है. उन्होंने दावा किया कि गूगल ने नोटिस देने से पहले की पेटीएम के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई की. इस पूरी कार्रवाई में गूगल खुद ही जज, एक्जेक्यूशनर और बेनिफिशियरी थी.
सेफ हैं यूज़र्स के पैसे
पेटिएम के प्ले स्टोर से हटने के बाद लोगों को वॉलेट में रखे अपने पैसों की चिंता होने लगी, और सोशल मीडिया पर कई यूज़र इसे लेकर सवाल भी करने लगे. इसपर पेटिएम ने बताया कि ग्राहकों के पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसे पहले की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
जानकारी के लिए बता दें कि पेटीएम भारत का सबसे कीमती स्टार्टअप है और इसका दावा है कि इसके पास 5 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स हैं.