ये पोस्ट VPN क्या है और इसके कार्य का तरीका व मोबाइल तथा कंप्यूटर पर कैसे और कौन सा VPN use करें इत्यादि के बारे में है।
VPN यानी Virtual Private Network की जरूरत आज इंटरनेट की तरक्की के साथ ही काफी ज्यादा बढ़ गई है। आज हर दिन कहीं ना कहीं साइबर ब्लैकमेलिंग व फ्रॉड की खबरें आती रहती हैं।
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ऐसे हमलों से बचने के लिए हमें VPN का उपयोग करना बहुत ही जरूरी है। ये उपयोग तब और जरूरी हो जाता है जब आप किसी Public नेटवर्क जैसे wifi का इस्तेमाल कर रहे हों।
VPN आज हमारे मोबाइल, टेबलेट व PC के लिए आसानी से उपलब्ध है। जिसमें से कुछ फ्री हैं तो कुछ Paid हैं।
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VPN का उपयोग ज्यादातर दो तरह के कामों के लिए अधिक होता है-
1- Cyber Security (साइबर सुरक्षा)
2- By-passing country restriction on sites (देश में प्रतिबंधित साइट्स को एक्सेस करने के लिए)
जो सबसे महत्वपूर्ण है वो है VPN द्वारा encrypted सिक्योरिटी प्रदान करना। इस पोस्ट में हम इसके हर पहलू के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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VPN Kya hai
VPN एक ऐसी युक्ति है जिसमे आप किसी भी नेटवर्क (प्राइवेट या पब्लिक wifi) पर एक प्राइवेट tunnel बनाकर इंटरनेेट इस्तेमाल करते हैं।
VPN एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क है यानी इसके द्वारा जो भी चैट, मैसेजिंग, इंटरनेट सर्फिंग इत्यादि किया जाता है वो एक प्राइवेट डेटा की तरह यानी Encrypted फॉर्म में आदान-प्रदान होता है।
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डेटा एन्क्रिप्टेड होने की वजह से हैकर उस डेटा को अगर हैक भी कर लें तो किसी भी माध्यम से पढ़ नहीं सकते। इसतरह हमारी ब्राउज़िंग Safe रहती है।
इस तरह Users के डेटा की सिक्योरिटी और प्राइवेसी बनी रहती है।
इनका अधिकतर इस्तेमाल बड़ी बड़ी कॉर्पोरेट साइट्स, Government sites में संवेदनशील डेटा के सुरक्षा के लिए किया जाता है। जो कि VPN को बनाने का प्रारंभिक कारण था।
VPN Kaise kaam karta hai
VPN कंपनियां अपने तरफ से आपको एक IP address उपलब्ध कराती हैं और आपके IP एड्रेस को Hide कर देती हैं।
इस तरह आप उनके IP एड्रेस पर इंटरनेट ब्राउज़िंग करते हैं, लेकिन उनके पास आपका IP एड्रेस रहता है।
अब इसको ऐसे समझते हैं,
जैसे मानलीजिए XYZ नाम की कोई वेबसाइट है जो दुबई (UAE) में बैन है यानी दुबई में इसे एक्सेस नहीं किया जा सकता वहां ये Illegal यानी गैरकानूनी है। लेकिन अमेरिका में बैन नहीं है।
अब जब भी वो यूजर दुबई में कहीं से भी अपने ब्राउज़र में वो xyz का url डालेगा तो यूजर को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड कराने वाला ISP उसे ब्लॉक कर देगा। क्योंकि उस ISP को पता चल जाएगा कि ये दुबई का IP एड्रेस है।
तो इस साइट को दुबई का नागरिक एक्सेस करने के लिए अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर VPN सर्विस एक्टिवेट करेगा।
एक्टिवेशन के दौरान वो अपना देश चुनेगा जिस देश में वो साइट बैन नहीं है यानी अमेरिका चुनेगा।
अब वो VPN कंपनी उसे अपनेे अमेरिकी सर्वर का एक IP एड्रेस उसे प्रोवाइड करा देगी जो ऑटोमैटिकली उसे सिर्फ क्लिक कर चुनना है।
अब दुबई के नागरिक का VPN सफलतापूर्वक अपने अमेरिकी सर्वर से जुड़ जाएगा।
इसके बाद वो यूजर VPN एप्लीकेशन को बैकग्राउंड में open ही छोड़कर अपने होम स्क्रीन पर आ जाएगा।
अब वो यूजर अपने ब्राउज़र से जब XYZ नाम की साइट का Url डालेगा तो यूजर का ISP (एयरटेल, आईडिया, वोडाफोन इत्यादि) यूजर की IP एड्रेस चेक करेगा तो वो दुबई का ही होगा लेकिन वो ये समझेगा की ये तो अमेरिका जा रहा है और उसे जाने देगा।
क्योंकि यूजर जो भी सर्च करेगा वो भले ही दुबई में है लेकिन उसका नेटवर्क उसे Via अमेरिका ही behave करेगा। तो वो अमेरिका का होगा क्योंकि VPN कम्पनी यूजर की असली IP की जगह अमेरिका की IP शो करेगी। इसतरह वो नेट पर अमेरीकी नागरिक होकर ब्राउज़िंग करेगा।
और इस तरह वो साइट को Access कर पाएगा।
चूंकि VPN के डेटा encrypted फॉर्म में फ्लो होता है इसलिए दुबई का ISP सिर्फ डेटा को दुबई के नागरिक तक पहुंचाने का कार्य करेगा VPN का कैसे इस्तेमाल करें?
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