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वोटर आई कार्ड से जुड़ेगा आधार, चुनाव आयोग को मिली हरी झंडी

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  • कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग की हुई बैठक
  • चुनाव प्रक्रिया में सुधार को लेकर हुई बैठक में चर्चा
  • पेड न्यूज और गलत हलफनामे पर लगेगी लगाम
चुनाव प्रक्रिया में सुधार समेत कई मुद्दों को लेकर मंगलवार को कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई. इस बैठक में आयोग ने चुनावी हलफनामे और पेड न्यूज को लेकर एक प्रस्ताव भी दिया.

इसमें कहा गया है कि हलफनामे में गलत जानकारी देने को और पेड न्यूज को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाय और इसके आरोपियों को गंभीर अपराध वाली सजा दी जाए.

वोटर आई कार्ड से जुड़ेगा आधार, चुनाव आयोग को मिली हरी झंडी

कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग की अहम बैठक में चुनाव प्रक्रिया में बदलाव और सुधार पर चर्चा की गई. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चुनाव आयोग ने मांग की थी जनप्रतिनिधि एक्ट में बदलाव कर उसे आधार को वोटर लिस्ट से जोड़ने की इजाजत दी जाए, ताकि गलत तरीके से वोटर आई कार्ड बनवाने वालों पर लगाम लग सके. इस मुद्दे पर चर्चा की गई और मंत्रालय ने सहमति जता दी है.

आधार को वोटर आई कार्ड से जोड़ने के मुद्दे पर कानून मंत्रालय ने चुनाव आयोग को कहा है कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि लिंक होने का बाद आधार के जरिए सूचना लीक नहीं हो सके. आयोग ने हाल ही में डेटा लीक को रोकने के लिए जरूरी कदमों की सूची बनाई है. इस बैठक में कानून मंत्रालय के सचिव जी नारायण राजू, मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और अशोक लवासा मौजूद थे. अगर चुनाव प्रक्रिया में बदलाव हुआ तो प्रवासी उस क्षेत्र में तब ही वोट कर सकेगा जब वह वहां रहा हो.

चुनाव के दौरान अपराध पर लगाम लगाने की तैयारी

चुनाव आयोग चाहता है कि वह अधिक से अधिक युवाओं को वोटर लिस्ट में शामिल करे. इसके लिए भी वह सुधार करना चाहता है. आयोग इसके लिए अधिक विकल्प की मांग कर रहा है. वर्तमान में नए वोटरों के लिए रजिस्ट्रेशन का एक विकल्प है यानी 1 जनवरी को 18 साल की उम्र पूरा होने पर ही वोटर लिस्ट में रजिस्टर किया जाता है. आयोग अब मल्टीपल विकल्प चाहता है, ताकि और युवाओं का लिस्ट में नाम आ सके. आयोग ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि अबतक सुधार को लेकर 40 अलग-अलग प्रपोजल मंत्रालय के पास पेंडिंग हैं.

बैठक में आयोग ने चुनाव के दौरान अपराध पर और लगाम कसने की मांग भी की है. वर्तमान में चुनावों में रिश्वत देना एक गैर संज्ञेय अपराध है, जहां मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना जांच नहीं हो सकती. चुनाव आयोग इसे गंभीर अपराध की श्रेणी में लाना चाहता है ताकि हत्या, दहेज, मृत्यु और बलात्कार जैसे गंभीर अपराध की तरह आरोपी को सजा दी जा सके.

आधार और पैन को लिंक करने का काम जारी

बता दें कि अगस्त 2019 में चुनाव आयोग की ओर से कानून मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी गई थी. जिसमें अपील की गई थी कि जो नए वोटर आईडी कार्ड के लिए अप्लाई कर रहे हैं, उनके आधार को लिंक करने पर विचार किया जाय. इसमें अभी तक के वोटरों को भी जोड़ने पर विचार करने को कहा गया था.

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक, देश में करीब 90 करोड़ वोटर हैं. वहीं करीब इतने ही लोगों के पास आधार कार्ड भी है. इससे पहले सरकार की ओर से आधार कार्ड और पैन कार्ड को लिंक करने का आदेश जारी किया गया था. आधार-पैन को लिंक करने के लिए 31 मार्च 2020 तक की डेडलाइन दी गई है.

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